नई
दिल्ली। ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने वाली कंपनी स्विगी के
शेयर की शुरुआती चाल ने आईपीओ निवेशकों चेहरे खिला दिए हैं। आज स्टॉक
मार्केट में कंपनी के शेयर करीब 7 प्रतिशत प्रीमियम के साथ लिस्ट हुए।
आईपीओ के तहत 390 रुपये के भाव पर स्विगी के शेयर जारी किए गए थे। आज बीएसई
पर इसकी लिस्टिंग 412 रुपये और एनएसई पर इसकी लिस्टिंग 420 रुपये के भाव
पर हुई। हालांकिए लिस्टिंग के तुरंत बाद मुनाफा वसूली शुरू हो जाने की वजह
से इसके शेयरों में गिरावट आ गई। लगातार हो रही बिकवाली के कारण स्विगी के
शेयर 391 रुपये के स्तर तक गिर गए, लेकिन इसके बाद खरीदारी शुरू होने से
इसने तेज छलांग लगा दी। खरीदारी के सपोर्ट से ये शेयर उछल कर 454 रुपये के
भाव तक पहुंच गए। लगातार जारी खरीद बिक्री के बीच दोपहर 12 बजे स्विगी के
शेयर 54 रुपये की मजबूती के साथ 444 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहे थे।
स्विगी
का 11,327.43 करोड़ रुपये का ये आईपीओ इस साल घरेलू शेयर बाजार में लॉन्च
होने वाला दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ है। इसके पहले अक्टूबर के महीने में हुंडई
मोटर ने 27,870 करोड़ रुपये का आईपीओ लॉन्च करके घरेलू शेयर बाजार के
इतिहास में सबसे बड़ा आईपीओ लॉन्च करने का रिकॉर्ड बनाया था। स्विगी का
आईपीओ 6 से 8 नवंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए ओपन हुआ था। आईपीओ के तहत
371 से 390 रुपये का प्राइस बैंड तय किया गया था, जबकि लॉट साइज 38 शेयर का
था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से मिला-जुला रिस्पॉन्स मिला था।
क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के अलावा दूसरी कैटेगरी में इस
आईपीओ को लेकर अधिक उत्साह नजर नहीं आया था। खासकर, नॉन इंस्टीट्यूशनल
इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में तो सिर्फ 0.41 प्रतिशत
सब्सक्रिप्शन ही आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन
भी अंतिम दिन 1.14 गुना सब्सक्राइब हो सका था।
स्विगी के आईपीओ के
तहत 4,499 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए हैं। इसके अलावा 10 रुपये
फेस वैल्यू वाले 17,50,87,863 शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिए बिक्री
हुई है। आईपीओ के जरिए नए शेयरों की बिक्री से मिले पैसों में से 164.80
करोड़ रुपये से कंपनी अपनी सब्सिडियरी स्कूट्सी के कर्ज को काम करेगी, जबकि
1,178.70 करोड़ रुपये की लागत से कंपनी के डार्क स्टोर नेटवर्क का विस्तार
किया जाएगा। इसके अलावा 703.40 करोड़ रुपये का इस्तेमाल टेक्निकल
डेवलपमेंट में और 1,115.30 करोड़ रुपये का इस्तेमाल बिजनेस प्रमोशन और
ब्रांड मार्केटिंग में किया जाएगा।