चित्तौड़गढ़। बाल सम्प्रेषण गृह में रहने वाले एक नाबालिग ने फांसी का
फंदा लगा कर आत्महत्या करने की काेशिश की है। नहाने में अधिक समय लगने पर
गार्ड ने दरवाजा खोला तो बालक फंदे पर लटका हुआ था। इसे नीचे उतार कर जिला
चिकित्सालय पहुंचाया। यहां उसका उपचार जारी है। बताया जा रहा है कि बालक
मानसिक रूप से अवसाद में चल रहा था व सितम्बर से पोक्साे मामले में
विचाराधीन होकर बाल सम्प्रेषण गृह में था।
जानकारी के अनुसार
गुरुवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे चित्तौड़गढ़ के बाल सम्प्रेषण गृह में नाबालिग
नहाने गया। इस दौरान दरवाजे के ऊपर लगे वेंटिलेशन की जाली से अपने ही
पजामेे को टांग कर बाथरूम में फांसी लगाने की कोशिश की। नहाने में थोड़ा
ज्यादा समय लगने पर बाहर तैनात गार्ड को शक हुआ। उसने बाथरूम का दरवाजा खोल
कर देखा तो बालक पजामे का फंदा लगा कर लटका हुआ था। नाबालिग ने बाल्टी के
ऊपर चढ़ कर फंदा लगाया था। गार्ड ने तुरंत अन्य स्टाफ को आवाज लगाई और
नाबालिग को नीचे उतारा। बाद में इसे जिला अस्पताल लेकर गए। इस दौरान
सम्प्रेषण गृह के अधीक्षक चन्द्रप्रकाश जीनगर भी अस्पताल पहुंचे। इनकी
सूचना के बाद में उपखंड अधिकारी चित्तौड़गढ़ बीनू देवल, पुलिस उप अधीक्षक
विनय चौधरी, सदर थानाधिकारी गजेन्द्रसिंह ने भी मौका मुआयना किया। फिलहाल
नाबालिग का अस्पताल में इलाज चल रहा है।गंभीर हालत में इसे आईसीयू में
भर्ती किया हुआ है। इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि 15 वर्ष के इस
नाबालिग को सितम्बर 2024 में बाल सम्प्रेषण गृह में रखा गया था। यह पोक्सो
के मामले में विचाराधीन है। फंदा लगाने के बाद नाबालिग की हालत गंभीर बताई
जाती है और आईसीयू में उसका उपचार जारी है। बताया जाता है कि एक माह पहले
भी उसने हाथ की नस काट कर सुसाइड करने की कोशिश की थी।
नाबालिग ने
गुरुवार सुबह ही अपने माता-पिता से मोबाइल पर बात की थी और उनसे मिलने के
लिए कहा था। माता-पिता ने आज ही यहां आकर मिलने का आश्वासन दिया और नाबालिग
ने उन्हें बिस्किट लाने के लिए कहा था। सम्प्रेषण गृह के अधिकारियों के
अनुसार वह मानसिक रूप से अवसाद में चल रहा था और उसकी काउंसलिंग भी की गई
थी, जिससे वे काफी ठीक था।