गाजियाबाद। नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में डासना
जिला जेल में बंद शिवम राजपूत ने बिजली के तार से फांसी लगाकर आत्महत्या
कर ली। बुलंदशहर जिले के नरसेना गांव का निवासी शिवम राजपूत लड़की के साथ
दुष्कर्म करने और पॉक्सो एक्ट के मामले में करीब 14 दिन पहले ही जेल में
था। मरने से पहले युवक ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने आत्महत्या का
मरने का कारण लड़की के मां-बाप को बताया है। सुसाइड नोट में उससे माफी भी
मांगी है। 21 वर्षीय शिवम के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने के मुताबिक शिवम राजपूत बुलंदशहर जिले में
नरसैना थाना क्षेत्र का रहने वाला था। 10 सितंबर 2024 को हापुड़ जिले की
पिलखुवा थाना थाना पुलिस ने उसे रेप और पॉक्सो एक्ट के आरोप में जेल भेजा
गया था।
उन्होंने बताया कि मंगलवार रात करीब 10 बजे के लाइब्रेरी
वाले एरिया के सटे बिजली ऑफिस के अंदर शिवम केबिल से पंखे के सहारे फांसी
लगाकर झूल गया। जब तक जेलकर्मियों की नजर पड़ी, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
वीडियोग्राफी कराकर शव को नीचे उतारा गया। स्थानीय लोकल थाना पुलिस को
बुलाया गया।
पुलिस की जांच में पता चला है कि बीते महीने शिवम
राजपूत (12 )साल की नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर ले गया था। पुलिस ने लड़की
बरामद करते हुए शिवम को गिरफ्तार किया। लड़की के बयानों में दुष्कर्म किये
जाने की बात सामने आई थी। इसके बाद पिलखुवा थाना पुलिस ने 10 सितंबर को उसे
जेल भेजा था।
मरने से पहले शिवम ने दो पेज का एक सुसाइड नोट छोड़ा
है। ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं होने से शिवम ने भाषा स्पष्ट नहीं लिखी है। इसमें
शिवम ने खुद को जेल भिजवाने के लिए लड़की के मां-बाप को जिम्मेदार ठहराया
है। उसने सुसाइड नोट में उन दोनों को सास-ससुर कहकर संबोधित किया है।सुसाइड
नोट के अंत में शिवम ने लड़की से माफी भी मांगी है।
उधर मृतक शिवम
के परिजनों ने आरोप लगाया है कि लड़कीवालों और पुलिस ने रुपये मांगे थे ।
नहीं देने पर जेल भेजा गया था। उनका आरोप है कि छिजारसी पुलिस चौकी
इंचार्ज प्रदीप ने षड़यंत्र रचकर इस लड़के को फंसाया। पूरे केस की तफ्तीश भी
प्रदीप ने की। हमारे बच्चे को जबरन फंसाया गया है। गरीब लड़के पर पॉक्सो
एक्ट लगा दिया। एक लाख रुपए चौकी इंचार्ज और दो लाख रुपए पीड़ित लड़की ने
मांगे। हम वह डिमांड पूरी नहीं कर पाए तो शिवम को जेल भेज दिया गया।