पूर्वी
चंपारण। जिले से सटे रक्सौल का नेपाल बार्डर जाली नोट
सहित अन्य भारत विरोधी गतिविधियो का सेफ जोन साबित हो रहा है।
हालांकि
यह बात दीगर है,कि जिले में पदस्थापित तेज तर्रार एसपी कांतेश कुमार मिश्र
व एसएसबी अधिकारियो के बेहतर समन्वय से देश विरोधियो के मंसूबो पर पानी
फिरता नजर रहा है।फिर भी नेपाल के रास्ते पाकिस्तान और बांग्लादेश से
भारतीय जाली नोट की तस्करी करने वालो का दुस्साहस कम नही हो रहा है।
पाकिस्तान
के खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट जाली नोट की खेप बड़ी आसानी से नेपाल
पहुंचा रहे है।फिर नेपाल के कलैया,वीरगंज व गौर जैसे भारतीय सीमाई शहरो में
बैठे जाली नोट के करीब आधा दर्जन गिरोह के माध्यम इसकी सप्लाई भारत के
आदापुर,रक्सौल,छौड़ादानो व घोड़ासहन व बैरगनिया और उसके सटे ग्रामीण इलाके
के खुली सीमा से करते आ रहे हैं।हाल में ही पकड़े गये जाली नोट के धंधेबाजो
से पूछताछ में यह स्पष्ट हो चुका है,कि जाली नोटो की छपाई पाकिस्तान में
होते हैं, जो आईएसआई नेटवर्क के जरिए नेपाल पहुंचता है और वहां 50 रुपए
असली दे कर 100 रुपए नकली नोट का कारोबार किया जाता है।इन जाली नोट के
धंधेबाजों के तार नेपाल से लेकर राजधानी दिल्ली समेत देशभर में है।अगस्त
2023 में जाली नोट के बड़ा धंधेबाज और एनआइए का इनामी नेपाली नागरिक असलम
अंसारी उर्फ गुलटेंन की गिरफ्तारी रक्सौल बॉर्डर से हुई थी।जिसके इनपुट पर
स्पेशल टीम ने 22 जुलाई 2024 को रक्सौल निवासी अली असगर और शिवहर निवासी
राम प्रवेश को 500 रुपए के कुल 582 (2.91 लाख) के जाली नोट के साथ दिल्ली
में गिरफ्तार किया गया था।
इसके पूर्व वर्ष 2018 में रक्सौल से
उत्तर प्रदेश के रामबाबू केशरवारी को 94 हजार के जाली नोट के साथ गिरफ्तार
किया गया था।आंकड़े पर गौर करे तो प्रतिवर्ष पूर्वी चंपारण जिले से नेपाल
बार्डर से जाली नोट की खेप पकड़ी जा रही है।बीते गुरूवार को रक्सौल बार्डर
से गिरफ्तार जाली नोट के एक बड़े किंगपिन भागलपुर निवासी सद्दाम की
गिरफ्तारी से कई खुलासे होगे। मिली जानकारी के अनुसार सद्दाम जम्मू-कश्मीर
में हो रहे चुनाव में जाली नोट की बड़ी खेप पहुंचाने वाला था। लेकिन
मिलट्री इंटलिजेंस व आईबी के इनपुट पर मोतिहारी पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर
देश विरोधियो के मंसूबो पर पानी फेर दिया है।