कोलकाता, । मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में सलाइन कांड में मृत 
प्रसूता मामनी रूईदास की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई है। रिपोर्ट में 
उनकी मौत का कारण 'मल्टी ऑर्गन फेल्योर' (अंगों का काम करना बंद कर देना) 
और 'सेप्टिक शॉक' (संक्रमण जनित गहरा असर) बताया गया है।
मामनी समेत
 पांच प्रसूतियों ने एक ही दिन सर्जरी के जरिए संतान को जन्म दिया था। इन 
सभी को रिंगर्स लैक्टेट (आरएल) सलाइन दी गई थी, जिसके बाद वे गंभीर रूप से 
बीमार पड़ गईं। शुक्रवार सुबह मामनी की मौत हो गई, जिससे अस्पताल प्रशासन 
और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया।
इस घटना के बाद अस्पताल में 
इस्तेमाल किए गए सलाइन और दवाओं के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। 
स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की जांच के लिए 13 सदस्यीय कमेटी बनाई है, जो 
यह पता लगाएगी कि गलती किसकी थी और क्या आरएल सलाइन की वजह से यह हादसा 
हुआ।
कमेटी ने मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज पहुंचकर सलाइनों और दवाओं के 
नमूने एकत्र किए और अस्पताल प्रबंधन से बातचीत की। इसके अलावा कॉलेज की 
प्रिंसिपल मौसमी नंदी और स्त्री रोग विभाग की प्रमुख को एसएसकेएम अस्पताल 
बुलाकर पूछताछ की गई।
मुख्य सचिव मनोज पंत ने सोमवार को कहा कि हम किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे। मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं।
उन्होंने
 बताया कि प्रारंभिक जांच में पाया गया कि ऑपरेशन के दौरान जरूरी प्रोटोकॉल
 का पालन नहीं किया गया। मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में प्रसूताओं के इलाज के 
दौरान वरिष्ठ डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित नहीं की गई थी, जो नियमों का 
उल्लंघन है।
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि सलाइन के अलावा ऑक्सीटोसिन 
के सही तरीके से दिए जाने की भी जांच की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की 
रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
मेदिनीपुर सलाइन कांड : सैप्टिक और अंग विफलता से हुई प्रसूता मामनी की मौत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा
 
									