पीरियड से जुड़ी हर बात, सेहत से जुड़े कुछ खास संकेत देती हैं, जिन्हें
अक्सर हम समझ नहीं पाते हैं। सभी महिलाओं को हर महीने पीरियड्स आते हैं। यह
एक नेचुरल प्रोसेस है। लेकिन, इन दिनों में होने वाला दर्द, ऐंठन, पीरियड
फ्लो और साइकिल की लेंथ समेत कई चीजें, महिलाओं की सेहत के बारे में जरूरी
जानकारी देती हैं। असल में पीरियड्स के बारे में खुलकर बात करने में अभी भी
हमारे समाज में एक झिझक बनी हुई है और यही कारण है कि अगर महिलाओं को इन
दिनों में कोई दिक्कत होती भी है, तो वे इस बारे में बात करने से कतराती
हैं और इस वजह से कई बार सही जानकारी नहीं मिल पाती है। पीरियड के दिनों
में ब्लड के साथ ब्लड के जेली जैसे क्लॉट्स भी आते हैं। अमूमन सभी महिलाओं
को पीरियड्स के दिनों में ये क्लॉट्स आते हैं। इस दौरान तेज दर्द भी होता
है। इन दिनों में कितने क्लॉट्स आना नॉर्मल है, यह समझना जरूरी है। इस बारे
में हमने डॉक्टर से बात की और इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश की।
- एक्सपर्ट का कहना है कि शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा बढ़े होने
की वजह से पीरियड्स के दौरान ब्लड में अधिक क्लॉट्स आते हैं। कभी-कभार इन
ब्लड क्लॉट्स का आना नॉर्मल है। लेकिन, पीरियड साइकिल के दौरान अगर
ज्यादातर ये ब्लड क्लॉट्स आएं, तो इन्हें नजरअंदाज न करें।
- असल में ये एक तरह के टिश्यूज होते हैं, जो पीरियड्स के वक्त
यूट्रस से बाहर आते हैं। ब्लीडिंग के दौरान, दिखाई देने वाले इन खून के
थक्कों के पीछे कई वजहे हो सकती हैं।
- पीरियड्स में ब्लड क्लॉट जमे हुए खून और जेल जैसी ब्लड ड्रॉप्स
की तरह होते हैं। अगर ये क्लॉट्स छोटे हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं है।
लेकिन, अगर ये बड़े हैं और बहुत ज्यादा आ रहे हैं, तो आपको इन पर ध्यान
देना चाहिए।
- पीरियड्स के दौरान जिस दिन आपको हैवी ब्लीडिंग होती है, आमतौर पर ये क्लॉट्स उस दिन आते हैं।
- अगर आपको छोटे खून के थक्के आ रहे हैं और इनके साथ बहुत अधिक ब्लीडिंग या दर्द नहीं हो रहा है, तो यह सामान्य है।
- जब बहुत तेज ब्लड फ्लो या क्रैम्प्स के साथ, इन थक्कों का साइज बढ़ने लगे, तो इसे नजरअंदाज न करें।
- इन ब्लड क्लॉट्स के पीछे थायराइड, विटामिन-बी12 और खून की कमी हो सकती है।
- इसके अलावा, ओवेरी की सिस्ट, हार्मोनल इंबैलेंस, पीसीओएस और फाइब्रॉएड की वजह से भी महिलाओं को यह दिक्कत हो सकती है।