भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस के मौके पर भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल
कन्वेंशन सेंटर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रदेश के 50 जिला
अस्पतालों में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों का उद्घाटन किया। इनका
संचालन रेडक्रॉस के जरिए किया जाएगा। कार्यक्रम में आयोजित किया जा रहा
है। इसके साथ ही प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास शहरी एवं ग्रामीण योजना के
आवासों में 51 हितग्राहियों को गृह प्रवेश किया गया। कार्यक्रम के दौरान
मध्य प्रदेश में स्वच्छता से सेवा पखवाड़े का शुभारंभ भी किया गया। दो
अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर इसका समापन होगा।
कार्यक्रम में
राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ. यादव एवं ने प्रतीकात्मक तौर पर
भोपाल नगर निगम के पांच सफाई कर्मियों का सम्मान किया। कार्यक्रम में
भोपाल को स्वच्छता सर्वेक्षण में पांच स्टार रेटिंग मिलने पर नगर निगम के
8,117 सफाई मित्रों को 5-5 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। राज्यपाल
मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिंगल क्लिक से राशि खातों में
ट्रांसफर की। सफाई कर्मियों को सुरक्षा किट भी दी गई। स्वच्छ सर्वेक्षण
2024 का डिजिटल पोस्टर लांच किया गया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री
डॉ. यादव ने कहा कि कचरा मुक्त शहर स्टार प्रमाणीकरण के आधार पर सफाई
मित्रों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जिस निकाय को जितने स्टार मिलेंगे,
उसमें कार्यरत उतने हजार रुपये की राशि दी जाएगी। यानी एक स्टार हासिल करने
वाले निकाय को एक-एक हजार, दो, तीन स्टार से लेकर पांच स्तर और सात स्टार
तक प्राप्त कर सकते हैं। सात स्टार वालों को सात हजार रुपये प्रोत्साहन
राशि दी जाएगी।
कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश
विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश भर में रहवासी संघ बनाने की जरूरत है, ताकि जन
भागीदारी के जरिए जनपदों को सुझाव और समस्याएं पता चल सके। इंदौर में
भागीदारी से 200 करोड़ के काम किए गए थे। सरकार के भरोसे विकास नहीं कर
सकते। जनता की जन भागीदारी जरूरी है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने
कहा कि भविष्य में मध्य प्रदेश स्वच्छता में देश में एक नंबर पर होगा।
कार्यक्रम
में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री
प्रहलाद पटेल, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी
पटेल, नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी, पंचायत एवं
ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राधा सिंह मौजूद रहे।
2008 में हुई थी जन औषधि केन्द्रों की शुरुआत
सस्ती
और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री भारतीय जन
औषधि केंद्र परियोजना की शुरुआत 2008 में की गई थी। साल 2015 के बाद से
योजना में और तेजी आई। वर्तमान में योजना के तहत देश में प्रधानमंत्री
भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं। वर्तमान में मध्य प्रदेश के
विभिन्न जिलों में 500 से अधिक जन औषधि केंद्र संचालित हैं। ये केंद्र शहरी
और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं। इनके माध्यम से
प्रतिदिन हजारों लोग सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां खरीद रहे हैं। उनके
मासिक चिकित्सा खर्चो में बचत हो रही है। अब सभी जिला अस्पतालों में भी
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के फायदे
सस्ती
दरों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां मिलेंगी। मरीजों को ब्रांडेड दवाओं
की तुलना में 50% से 90% तक कम दाम पर दवाइयां उपलब्ध होंगी। आर्थिक रूप
से कमजोर परिवारों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी। सस्ती और सुलभ दवाओं
के माध्यम से लोग इलाज को जारी रख सकेंगे। विशेष रूप से शुगर, ब्लड
प्रेशर,और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों के प्रबंधन में यह केंद्र
महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के माध्यम से
जेनेरिक दवाओं की गुणवत्ता और प्रभावशीलता को लेकर जागरूकता बढ़ेगी, जिससे
लोग ब्रांडेड दवाओं पर निर्भरता कम करेंगे और सस्ती जेनेरिक दवाओं को
अपनाएंगे। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। प्रत्येक
केंद्र के चालन के लिए फार्मासिस्ट और अन्य कर्मचारी आवश्यक होंगे, जिससे
राज्य में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में
ही स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा 2024 के पहले दिन प्रधानमंत्री आवास योजना
(शहरी) में देश के 4 लाख आवासों का गृह प्रवेश कार्यक्रम हुआ। इनमें
मध्यप्रदेश के 51 हजार आवासों में गृह प्रवेश कराया गया। प्रधानमंत्री आवास
योजना शहरी 2-0 का शुभारंभ तथा पीएम स्वनिधि अंतर्गत पीआरएआईएसई अवार्ड
वितरित किए जाएंगे।
एमपी में था 38 लाख 415 आवास का लक्ष्य, 37 लाख बन चुके
अपने
घर का सपना संजोए गरीब परिवारों की उम्मीदें पूरी करने के लिए मध्य प्रदेश
को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में 38 लाख 415 आवास निर्माण लक्ष्य
मिला था। अब तक लगभग 37 लाख आवास बना लिए गए हैं। शहरों में भी फ्लैट
बनाकर योजना के तहत बेघरों को आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पीएम मोदी की
सोच है कि घर की चाबी- सम्मान, आत्मविश्वास, सुनिश्चित भविष्य, नई पहचान और
बढ़ती संभावनाओं का द्वार खोलती है। इसी सोच के साथ 2016 में प्रधानमंत्री
आवास योजना (ग्रामीण) की शुरुआत हुई थी। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में
जरूरतमंद परिवारों को 2024 तक बुनियादी सुविधाओं सहित पक्के मकान की सुविधा
देने का लक्ष्य रखा है।
मप्रः मुख्यमंत्री ने किया जिला अस्पतालों में जन औषधि केंद्रों का उद्घाटन, 51 हजार परिवारों को कराया पीएम आवास में गृह प्रवेश
