नई
दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने महिलाओं को 2100 रुपये
मासिक देने संबंधी आम आदमी पार्टी (आआपा) के चुनावी वादे के प्रचार पर रोक
लगाने का निर्देश चुनाव आयोग को देने की मांग पर सुनवाई टाल दिया है।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से किसी वकील के
पेश नहीं होने के बाद सुनवाई टाल दी गई। जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने
मामले की अगली सुनवाई 30 जनवरी को करने का आदेश दिया।
यह याचिका
विजय कुमार ने दायर की है। 9 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने
याचिकाकर्ता से पूछा था कि इस याचिका पर चुनाव याचिका के रूप में कैसे
सुनवाई की जा सकती है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील शिव
शंकर पराशर ने कहा था कि आम आदमी पार्टी की ओर से घोषित मुख्यमंत्री महिला
सम्मान योजना पर रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा था कि आम आदमी पार्टी ऐसा
मतदाताओं को ग़लत तरीके से लुभाने के लिए कर रही है। उन्होंने कहा था कि
दिल्ली सरकार खुद इस योजना से इनकार कर चुकी है।
सुनवाई के दौरान
हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा था कि इस याचिका को चुनाव याचिका की तरह
कैसे सुनवाई की जाए। तब याचिकाकर्ता ने कहा था कि 3 जनवरी को उन्होंने
निर्वाचन आयोग को इस संबंध में प्रतिवेदन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं
हुई। उसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने कहा था कि
आप चुनाव याचिका की बजाय जनहित याचिका क्यों नहीं दायर करते हैं। आपकी
याचिका को चुनाव याचिका के रूप में सुनवाई कैसे की जाए, इस पर दलीलें पेश
करें।