महाकुम्भ
नगर। तीर्थराज प्रयागराज में चल रहे विश्व के सबसे बड़े
मेले महाकुम्भ का तीसरा अंतिम अमृत स्नान बसंत पंचमी के दिन प्रातः 4.45
बजे से शुरू हो चुका है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सबसे पहले
श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा के साधु-संत पारंपरिक तरीके से
भव्य रथों पर सवार होकर गाजे बाजे के साथ प्रातः 4 बजे ध्वज-पताकाएं,
बैंड-बाजा के साथ अखाड़े स्नान करने के लिये निकले। आचार्य महामंडलेश्वर व
मंडलेश्वर भव्य रथ पर आसीन हैं। बता दें कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर
संगम तट हुई भगदड़ के बाद अखाड़ों ने पारंपरिक तरीके से अमृत स्नान की बजाय
सांकेतिक स्नान किया था।
अखाड़े के साधु-संतों और विशेषकर नागा
साधुओं का देखने के लिये श्रद्धालु कतारबद्ध खड़े हुए हैं। साधु संतों को
देखकर श्रद्धालु उत्साह और उमंग में ‘हर हर महादेव’ का नारा लगाते हैं, तो
वायुमण्डल में एक लहर सी दौड़ जाती है। बैड़ बाजों की धुन पर थिरकते, भागते
और तरह तरह के करतब करते नागा साधु वातावरण में एक अलग तरीके की ऊर्जा का
संचार करते हैं, जिससे वातावरण गुलजार हो जाता है। हर हर महादेव, गंगा मैया
की जय के जयकारे रह-रह कर आकाश तक को गूंजा देते हैं।
सबसे पहले
श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा ने त्रिवेणी संगम में पवित्र
डुबकी लगाई। सोमवार को सनातन धर्म के 13 अखाड़ों के साधु-संत क्रमबद्ध तरीके
से त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान करेंगे। महाकुम्भ 2025 का पहला अमृत
स्नान मकर संक्रांति के पावन अवसर पर हुआ था।
13 अखाड़ों का अमृत
स्नान में क्रम जारीमहाकुम्भ मेला प्रशासन की तरफ से पूर्व की मान्यताओं का
पूरी तरह अनुसरण करते हुए सनातन धर्म के 13 अखाड़ों को अमृत स्नान में
स्नान क्रम भी जारी किया गया है। सभी अखाड़ों को इसकी जानकारी दे दी गई है।
अखिल
भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने बताया किए बसंत पंचमी
पर सबसे पहले श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी व श्रीशंभू पंचायती अटल अखाड़ा
स्नान करेगा। दोनों अखाडे अपने शिविरों से प्रातः 4 बजे प्रस्थान कर संगम
घाट पर प्रातः 5 बजे पहुचेंगे। 40 मिनट के स्नान के बाद प्रातः 5.40 पर घाट
से प्रस्थान कर अखाड़े प्रातः 6.40 पर अपने शिविरों में पहुंच जाएंगे।
निर्धारित समय से पहले ही अखाड़ा त्रिवेणी के घाट पर पहुंच गया। और 4.45 पर
स्नान शुरू हो गया।
दूसरे स्थान पर श्रीतपोनिधि पंचायती
श्रीनिरंजनी अखाड़ा एवं श्रीपंचायती अखाड़ा आनंद अमृत स्नान करेगा। इसका
शिविर से प्रस्थान का समय सुबह 4.50 बजे, घाट पर आगमन का समय 5.50 बजे
होगा। स्नान का समय 40 मिनट रहेगा।
तीन संन्यासी अखाड़े
श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा एवं श्रीपंच दशनाम आवाहन अखाड़ा तथा श्रीपंचाग्नि
अखाड़ा का शिविर से प्रस्थान का समय 5.45 घाट पर आगमन का समय 6.45 रहेगा।
स्नान का समय 40 मिनट तय किया गया है।
तीन बैरागी अखाड़ों में सबसे
पहले अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़ा 8.25 पर शिविर से चलेगा, 9.25
पर घाट पर पहुंचेगा और 30 मिनट स्नान के बाद 9.55 पर घाट से शिविर के लिए
रवाना हो जाएगा।
अखिल भारतीय श्रीपंच दिगंबर अनी अखाड़ा 9.05 पर
शिविर से निकलकर 10.05 पर घाट पहुंचेगा। अखाड़े को स्नान के लिए 50 मिनट का
समय दिया गया है। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़ा 10.05 पर शिविर
से चलेगा, 11.05 पर घाट पहुंचेगा। 30 मिनट स्नान के बाद 11.35 पर प्रस्थान
कर 12.35 पर पर शिविर में आ जाएगा।
श्रीपंचायती नया उदासीन अखाड़ा
11 बजे पर शिविर से रवाना होकर 12 बजे घाट पहुंचेगा और 55 मिनट स्नान करने
के बाद 12.55 पर घाट से रवाना होकर 1.55 बजे शिविर पहुंच जाएगा।
श्रीपंचायती अखाड़ा बडा उदासीन निर्वाण 12.05 बजे शिविर से चलकर 1.05 पर घाट
पहुंचेगा। एक घंटा स्नान के बाद 2.05 पर घाट से रवाना होकर 3.05 पर शिविर आ
जाएगा।
सबसे अंत में श्रीपंचायती निर्मल अखाड़ा स्नान करेगा। यह
अखाड़ा दोपहर 1.25 पर शिविर से चलेगा और 2.25 पर घाट पहुंचेगा। ठीक 40 मिनट
स्नान करने के बाद 3.05 पर घाट से रवाना होकर 4.05 पर शिविर आ जाएगा।
सुरक्षा
के पुख्ता प्रबंध29 जनवरी के मौनी अमावस्या के स्नान के दौरान मची भगदड़
में 30 श्रद्धालुओं की मौत के बाद तीसरे अमृत स्नान में मेला प्रशासन
सर्तकता बरत रहा है। मेला प्रशासन के तीसरे अमृत स्नान के लिए स्पेशल प्लान
बनाया है। इसमें सभी श्रद्धालुओं के लिए वनवे रूट रहेगा। पांटून पुलों पर
कोई दिक्कत नहीं आएगी। त्रिवेणी के घाटों पर अत्यधिक दबाव रोकने के लिए
अतिरिक्त पुलिस बल और बैरिकेड तैनात कर दिए गए हैं। इसके साथ ही सुरक्षा
व्यवस्था और अधिक कड़ी कर दी गई है। श्रद्धालुओं को संगम या अन्य घाटों तक
पहुंचने में दिक्कत ना हो, इसके प्रबंध किए गए हैं। प्रभावी पेट्रोलिंग के
लिए 15 मोटर साइकिल दस्ते तैनात किए गए हैं। प्रमुख चौराहों और डायवर्जन
प्वाइंट्स के बैरियर पर सीएपीएफ और पीएसी का इंतजाम किया गया है।
श्रद्धालुओं
की सुरक्षा के लिहाज से वन वे रूट तैयार किया गया है। इसके अलावा पांटून
पुलों पर मेले में आने वाले लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न आने पाए,
इसका भी विशेष इंतजाम किया गया है। सबसे खास बात ये है कि त्रिवेणी के
घाटों पर अत्यधिक दबाव रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल लगाए जा रहे हैं,
जहां वरिष्ठ अधिकारी भी टीम के साथ तैनात रहेंगे। बैरिकेडिंग की संख्या भी
बढ़ा दी गई है। संवेदनशील स्थानों पर राजपत्रित अधिकारियों की निगरानी
रहेगी. 56 क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) की तैनाती की गई है।