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विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए देश तोड़ने के हर षड्यंत्र को नाकाम करना होगाः प्रधानमंत्री


नई दिल्ली,  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को संस्कृति, भाषा, भेदभाव मुक्त विकास और लोगों को कनेक्टिविटी के माध्यम से आपस में जोड़ने को भारत की एकता के चार प्रमुख स्तंभ बताते हुए कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए हमें देश को तोड़ने के हर षड्यंत्र को ना काम करना होगा।

देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर गुजरात के केवड़िया में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री ने घुसपैठ को देश की एकता और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया और कहा कि देश में पहली बार उनकी सरकार इससे निपटने के लिए निर्णायक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि आज देश 'डेमोग्राफिक मिशन' के माध्यम से इस चुनौती का सीधा सामना कर रहा है।

वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने न केवल ब्रिटिश सत्ता से संगठन और शासन की विरासत पाई, बल्कि गुलामी की मानसिकता भी अपनाई। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि जिस वंदे मातरम् को ब्रिटिश शासन भी दबा नहीं सका, उसी के कुछ अंश कांग्रेस ने धार्मिक आधार पर हटाकर समाज में विभाजन की नींव रखी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय राष्ट्र की एकता और भावना के विरुद्ध था। मोदी ने कहा कि यदि कांग्रेस ने ऐसा कदम न उठाया होता तो भारत की तस्वीर आज अलग होती।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि साल 2014 के बाद उनकी सरकार ने नक्सलवाद और माओवादी आतंक पर निर्णायक प्रहार किया है। अनुच्छेद 370 हटाने के बाद कश्मीर मुख्यधारा से जुड़ा है और अब पूरी दुनिया भारत की शक्ति को पहचान रही है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने दिखाया कि यदि कोई राष्ट्र पर नजर उठाएगा तो उसे करारा जवाब मिलेगा।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद सरदार पटेल ने 550 से अधिक रियासतों का विलय कर “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का सपना साकार किया। परंतु उनके निधन के बाद तत्कालीन सरकारों ने राष्ट्रीय संप्रभुता को लेकर वैसी गंभीरता नहीं दिखाई। कश्मीर पर गलत निर्णयों और पूर्वोत्तर में उपजे संकटों ने देश को हिंसा और अशांति की ओर धकेला।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल पूरे कश्मीर का भारत में विलय चाहते थे, पर नेहरू ने उनकी यह इच्छा अधूरी छोड़ दी। कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में चला गया और आतंकवाद को वहां पनाह मिली। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने सरदार पटेल के दृष्टिकोण को भुला दिया लेकिन वर्तमान सरकार ने उनके आदर्शों को अपनाया है। आज देश उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए एकता, अखंडता और आत्मगौरव के नए युग में प्रवेश कर रहा है।

राष्ट्रीय एकता दिवस पर केवड़िया में आयोजित कार्यक्रम में आज प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर आयोजित परेड में बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी की टुकड़ियों ने भाग लिया। गुजरात पुलिस का घुड़सवार दल, असम पुलिस का मोटरसाइकिल डेयरडेविल शो और ऊंट पर सवार बीएसएफ बैंड विशेष आकर्षण रहे।

समारोह में शौर्य चक्र से सम्मानित पाँच सीआरपीएफ जवानों और सोलह बीएसएफ वीरों को सम्मानित किया गया जिन्होंने नक्सल और आतंकवाद विरोधी अभियानों में बहादुरी दिखाई। इस वर्ष की परेड में विभिन्न राज्यों की दस झाँकियाँ ‘एकता में विविधता’ विषय पर प्रस्तुत की गईं।