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रोहतकः लोहारू आत्महत्या मामले में सीबीआई से हाे जांच: हुड्डा पूर्व सीएम बोले, प्रदेश पर कर्ज बढ़ाने के अलावा बीजेपी ने नहीं किया कोई भी काम किसानों से बातचीत का रास्ता खोले सरकार, मांगें मानकर डल्लेवाल का अनशन करवाए खत्म


रोहतक,। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार कानून व्यवस्था से लेकर विकास तक हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। रोजगार देने में भी ये सरकार फिसड्डी साबित हुई है और प्रदेश में लाखों सरकारी पद खाली पड़े हुए हैं। बीजेपी ने प्रदेश पर कर्ज का बोझ बढ़ाने के अलावा कोई काम नहीं किया। 10 साल के कार्यकाल में बीजेपी ने हरियाणा में एक भी यूनिट बिजली उत्पादन नहीं बढ़ाया, ना ही एक भी इंच मेट्रो या रेलवे लाइन को आगे बढ़ाया और ना ही कोई बड़ी परियोजना, संस्थान या उद्योग स्थापित किया। बावजूद इसके सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है और चार्वाक की नीति पर आगे बढ़ रही है यानी कर्ज लो और घी पियो।

सोमवार को पूर्व सीएम अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलन को लेकर पूरी तरह अलोकतांत्रिक रवैया अपनाए हुए हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत बहुत नाजुक बनी हुई है। इसलिए सरकार को तुरंत उनकी मांगों का समाधान कर अनशन खत्म करवाना चाहिए। उनका हम जीवन सभी के लिए अनमोल है। क्योंकि वो निजी स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि किसानों की उचित मांगों के लिए अनशन कर रहे हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसानों की मांग पूरी तरह जायज और कई साल पुरानी है। खुद बीजेपी ने एमएसपी का वादा करके किसान आंदोलन को खत्म करवाया था। किसान सरकार को वही वादा याद दिला रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि सरकार किसानों से वार्ता करे और आंदोलन का समाधान निकाले।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि लोहारू में छात्रा की आत्महत्या के मामले में सीबीआई या सीटिंग जज की निगरानी में जांच होनी चाहिए। ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। एसवाईएल के मुद्दे हुड्डा ने कहा कि हरियाणा को सरकार को कोर्ट में अवमानना का मुकदमा दायर करना चाहिए। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट हरियाणा के हक में फैसला सुना चुकी है। इसे अमलीजामा पहनाने का काम केंद्र और प्रदेश सरकार का है। आज प्रदेश और केंद्र दोनों जगह बीजेपी की सरकार है। लेकिन आज तक प्रदेश सरकार ने ऑल पार्टी मीटिंग में हुए फैसले के मुताबिक प्रधानमंत्री से मिलने तक का समय नहीं मांगा और ना ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना का मुकदमा दायर किया।