भोपाल। मध्य प्रदेश में साल 2024 को विदाई देने के साथ ही नए
साल 2025 का जोरदार तरीके से स्वागत किया गया। मंगलवार की आधी रात के बाद
भी लोग जश्न में डूबे रहे। साल के पहले दिन बुधवार को भी ऐसा ही माहौल है।
उज्जैन महाकाल मंदिर में तड़के तीन बजे से ही भक्तों के आने का सिलसिला
शुरू हो गया था। दोपहर तक यहां करीब डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान
महाकाल के दर्शन कर चुके हैं। इसके साथ ही अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में भी
सुबह से लोगों की कतार लगी हुई है। वहीं, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव नये
साल का जश्न मनाने के लिए परिवार के साथ पचमढ़ी पहुंचे हैं।
भगवान महाकाल का नव वर्ष पर हुआ विशेष श्रृंगार, भस्म आरती में उमड़े हजारों भक्त
उज्जैन
के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार को नव वर्ष के मौके पर
विशेष श्रृंगार किया गया। यहां तड़के चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पंडितों
और पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी देवी-देवताओं की विधिवत पूजा की।
इसके बाद बाबा महाकाल का जलाभिषेक और पंचामृत से स्नान कराया गया, जिसमें
दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस का उपयोग हुआ। इसके बाद "हरि ओम" का
उच्चारण करते हुए जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद भगवान के मस्तक पर
भांग, चंदन और बिल्वपत्र चढ़ाकर उनका भव्य श्रृंगार किया गया।
ज्योतिर्लिंग
भगवान को वस्त्र से ढककर भस्म अर्पित की गई और फिर उन्हें राजा के स्वरूप
में सजाया गया। भगवान महाकाल को रजत से बनी मुण्डमाल, शेषनाग का मुकुट,
रुद्राक्ष की माला और सुगंधित फूलों से सजाया गया। मोगरे और गुलाब के फूल
भगवान के श्रृंगार का हिस्सा बने। भस्म अर्पण के बाद भगवान को फल और
मिष्ठान्न का भोग लगाया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु
उपस्थित रहे और उन्होंने भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी
अखाड़े की ओर से भगवान को भस्म अर्पित की गई। भस्मारती के बाद शुरू हुआ
दर्शन का सिलसिला लगातार जारी है। भगवान महाकाल के दर्शन के लिए लम्बी कतार
लगी हुई। दोपहर तक यहां डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालु महाकाल के दर्शन कर
चुके हैं। नए साल में उज्जैन में आठ लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने
का अनुमान है। मंदिर समिति ने 45 मिनट में दर्शन की व्यवस्था की है।
फूल, बिल्व पत्र से ओंकारेश्वर महादेव का श्रृंगार
इधर,
खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में शास्त्रीय संगीत
के साथ नए साल की शुरुआत हुई। नए साल के पहले दिन सुबह गुलाब के फूल और
बिल्व पत्र से ओंकारेश्वर महादेव का श्रृंगार किया गया। मंगला आरती के बाद
दर्शन शुरू हुए। भगवान ओंकारेश्वर-ममलेश्वर के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में
श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। दोपहर 12 बजे तक करीब 30 हजार श्रद्धालु महादेव
के दर्शन कर चुके हैं। इससे पहले मंगलवार को अधिक भीड़ होने से मंदिर के पट
देर रात तक खुले रहे। भीड़ को देखते हुए प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट द्वारा
वीआईपी दर्शन व्यवस्था प्रतिबंधित करने के साथ ही नावों के संचालन पर भी
प्रतिबंध लगा दिया है।
वहीं, इंदौर के प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर
में नववर्ष 2025 के पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच
रहे हैं। सुबह मंदिर के पट खुलते ही श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान गणेश का
आशीर्वाद पाने पहुंचने लगी थी। दर्शन व्यवस्था के लिए मंदिर प्रशासन ने
सुरक्षा और सुविधा दोनों के लिहाज से तैयारी की है। गर्भगृह के सामने स्टेप
वाइस चार पंक्तियां बनाई हैं, ताकि एक साथ कई लोगों को दर्शन हो जाएं। साल
के अंतिम दिन 31 दिसंबर को मंदिर में 50 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन के
लिए पहुंचे थे।
इसी तरह दतिया में भी नए साल के पहले दिन लगभग 40
हजार से अधिक भक्तों ने सुबह 10.30 बजे तक पीतांबरा पीठ पर माता के दर्शन
किए हैं। माता की शयन आरती तक पीठ परिसर भक्तों से भरा रहेगा। वहीं,
पीतांबरा ट्रस्ट के मुताबिक, भक्तों ने मां को सुबह 10 बजे तक 9 लाख से
ज्यादा का प्रसाद अर्पित किया है।
मंदसौर में राजस्थान, गुजरात
और अन्य राज्यों से आए भक्तों ने नए साल की शुरुआत भगवान पशुपतिनाथ के
दर्शन के साथ की। सुबह कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बीच भी श्रद्धालुओं
का उत्साह कम नहीं रहा। सुबह से बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए
मंदिर पहुंच रहे हैं। इसी तरह रायसेन जिले के भोजपुर मंदिर में दोपहर 12
बजे तक 50,000 से ज्यादा श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर चुके हैं।
लोगों के आने का सिलसिला जारी है। रायसेन एसपी पंकज कुमार पांडेय ने बताया
कि भोजपुर मंदिर परिसर में सुरक्षा के लिए 60 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
ओरछा
के प्रसिद्ध रामराजा मंदिर में नए साल के पहले दिन देश भर से श्रद्धालु
पहुंचे हैं। रामराजा दरबार में नए साल पर दोपहर तक लगभग 50 हजार श्रद्धालु
भगवान राम के दर्शन कर चुके हैं। बुंदेलखंड और देश के अलग-अलग इलाकों से
श्रद्धालुओं के ओरछा आने का सिलसिला जारी है। बताया जा रहा है कि शाम
होते-होते ये संख्या एक से डेढ़ लाख हो सकती है। वहीं, आगर मालवा जिले में
नए साल के पहले दिन प्रसिद्ध मां बगलामुखी मंदिर में भक्तों का तांता लगा
है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई हैं। मैहर स्थित
मां शारदा के दरबार में नए साल के पहले दिन देवी दर्शन के लिए भक्तों का
तांता लगा हुआ है। मंगलवार रात से ही श्रद्धालु कतार में खड़े हैं।
सांची के स्तूप देखने पहुंचे पर्यटक
मंदिरों
के अलावा विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहर और पर्यटन स्थल सांची भी बड़ी
संख्या में पर्यटक पहुंचे हैं। रायसेन जिले का सांची एक ऐतिहासिक और
धार्मिक स्थल है। यह बौद्ध धर्म से जुड़ा तीर्थस्थल माना जाता है। सांची
में कई स्तूप, मंदिर और मूर्तियां हैं। स्तूपों का निर्माण तीसरी शताब्दी
ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक ने करवाया था। इन स्तूपों को भगवान बुद्ध
के अवशेषों को सहेजने के लिए बनाया गया था।
भोपाल के मंदिरों में भी
नए साल की पहली सुबह से ही श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। प्रसिद्ध बिड़ला
मंदिर में भी भोपाल और आसपास रहने वाले लोग दर्शन के लिए लगातार आ रहे हैं।
भोपाल के वन विहार में एंट्री टिकट लेने के लिए लंबी लाइन लगी है।
गाड़ियों की भी लंबी कतार देखी जा रही है। लोग परिवार और दोस्तों के साथ
नया साल मनाने पहुंच रहे हैं। जबलपुर में साल के पहले दिन कई पर्यटक नर्मदा
स्थित धुआंधार जलप्रपात देखने पहुंचे हैं।