वाराणसी। काशी नगरी के मंदिरों में स्थित साईं प्रतिमा को
हटाने के आरोप में गिरफ्तार सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा का
समर्थन ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य ने भी किया है। शुक्रवार
को शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आडियो संदेश जारी कर
अजय शर्मा के कार्य को सराहनीय बताया है।
उन्होंने कहा कि सनातनी
मन्दिरों से चांद मियां की प्रतिमा हटाना शास्त्र सम्मत व सराहनीय कार्य
है। इस तरह के सनातन धर्म विरोधी कार्य से अपने सनातन धर्म के मन्दिरों को
मुक्त कराने के लिए, परिसर में पुनः पवित्र वातावरण बनाने के लिए जागरूकता
कुछ लोगों में आई। विशेष करके तब जब ये पता चला कि तिरुपति बालाजी जी
मन्दिर से जो प्रसाद बांटा जा रहा था व लोगों को खरीदने पर मिल रहा था,
उसमें बहुत बड़ी मात्रा में बहुत लम्बे समय तक अखाद्य पदार्थ मिलाए जा रहे
थे। ऐसे में शुद्धि के प्रति लोगों के मन मे भावना जागृत हुई। तब उन्होंने
सोचा कि हमारे सनातनी मन्दिरों के परिसर में ये जो अशुद्धियां आ गई हैं,
इनको भी दूर किया जाना चाहिए और इसके लिए कुछ लोग खड़े हुए।
शंकराचार्य ने कहा कि ब्राह्मण सभा, सनातन धर्म रक्षक दल व अन्य ऐसी ही कई
संस्थाओं के नाम हमको बताये गये और उन लोगों ने साईं की प्रतिमा सनातनी
मन्दिरों से हटाने का सराहनीय कार्य किया। इस कार्य में लगे पंडित अजय
शर्मा को पुलिस ने किन्हीं लोगों की शिकायत पर शांति भंग की आशंका में
गिरफ्तार कर लिया है। और उन पर दूसरी अनेक धाराएं भी लगाई हैं।
शंकराचार्य
ने कहा कि वाराणसी प्रशासन ने ऐसा कार्य किया है। हम यही नहीं समझ पाते
हैं कि अगर हम अपने मन्दिरों में कोई शुद्धि कर रहे हैं, परिष्कार कर रहे
हैं तो उसमें लोगों को क्या आपत्ति हो सकती है ? जो लोग ये कार्य कर रहे
थे। उन्होंने स्पष्टता के साथ कहा है कि अगर कोई किसी का भक्त है तो वो
उनका अलग मन्दिर बनाए, उसमें उसकी पूजा करे।