पश्चिमी सिंहभूम, । विजयादशमी के अवसर पर गुरुवार को नगर के विभिन्न दुर्गा पूजा पंडालों में भक्तिमय माहौल देखने को मिला। पूजा-अर्चना के बाद परंपरागत रूप से मां दुर्गा के घट का विसर्जन किया गया।
विसर्जन से पहले सुहागिन महिलाओं ने सदियों पुरानी परंपरा “सिंदूर खेला” का आयोजन किया। महिलाएं लाल-सफेद साड़ी पहनकर एक-दूसरे को सिंदूर लगाती और मां दुर्गा से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती नजर आईं। इस दौरान पूरा वातावरण उत्साह और उल्लास से भर गया।
इसके बाद श्रद्धालुओं ने विसर्जन यात्रा की शुरुआत की। यात्रा में “मां दुर्गा की जय” और “आसते बौछोर आबार आसबे” जैसे नारे गूंजते रहे। ढोल-धाक की थाप पर महिलाएं, पुरुष और बच्चे झूमते-नाचते देखे गए। बंगाली समुदाय की महिलाएं पारंपरिक गीत गाते हुए विसर्जन शोभायात्रा में शामिल हुईं।
नगर की सड़कों से गुजरती यात्रा ने माहौल को पूरी तरह धार्मिक रंग में रंग दिया। लोग जगह-जगह खड़े होकर मां दुर्गा को अंतिम प्रणाम कर रहे थे। नदी तट पर विधि-विधान के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।
इस दौरान प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई थी। पुलिस बल और स्वयंसेवकों की तैनाती से पूरे कार्यक्रम को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराया गया।