जयपुर। रेल यात्रा के प्रति आमजनों की लगातार बढ़ती रुचि और
आकर्षण के मद्देनजर रेलवे भी तदनुरूप सुविधाओं के विस्तार को गति दे रहा
है। इस क्रम में रेलवे ने बीते तीन माह में ही विभिन्न ट्रेनों में सामान्य
श्रेणी (जीएस) के करीब छह सौ नये अतिरिक्त कोच जोड़े हैं। ये सभी कोच
नियमित ट्रेनों में जोड़े गए हैं। इतना ही नहीं, चालू नवंबर माह में जीएस
श्रेणी के ऐसे एक हजार से ज्यादा कोच करीब साढ़े छह सौ नियमित ट्रेनों में
जोड़ दिए जााएंगे। एक अनुमान के मुताबिक रेलवे के बेड़े में इन नये जीएस
कोचों के जुड़ने से रोजाना करीब एक लाख यात्री लाभान्वित होंगे। इनके अलावा
आगामी दो वर्षों में बड़ी संख्या में जीएस श्रेणी के कोचों को रेलवे के
बेड़े में शामिल करने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है।
रेलवे
बोर्ड ने सामान्य श्रेणी के रेल यात्रियों की नई सुविधाओं के बारे में यहां
विस्तार से जानकारी दी है। रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (सूचना व
प्रचार) दिलीप कुमार ने बताया कि सामान्य श्रेणी के यात्री रेलवे की
सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं। इस श्रेणी के यात्रियों को अधिकतम
सुविधा मुहैया कराने की दिशा में रेलवे विभिन्न दिशाओं में कार्य कर रहा
है। इसके तहत बीते जुलाई से अक्टूबर के तीन माह के दौरान जीएस श्रेणी के
कुल 583 नये कोचों का निर्माण किया गया। साथ ही इन नवनिर्मित कोचोंं को 229
नियमित ट्रेनों में जोड़ा गया है। इससे रोजाना हजारों अतिरिक्त यात्रियों
को लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि इस नवंबर माह तक जीएस श्रेणी के कुल
एक हजार से ज्यादा नये कोच तैयार होकर रेलवे के बेड़े में जुड़ जाएंगे।
इन्हें 647 नियमित ट्रेनों में जोड़ा जाएगा। इन डिब्बों के शामिल होने से
रोजाना करीब एक लाख अतिरिक्त सवारी रेल यात्रा के सफर का लाभ उठा पाएंगे।
कार्यकारी
निदेशक ने बताया कि सामान्य श्रेणी के यात्रियों की सुविधाओं के मद्देनजर
नये जीएस कोचों का निर्माण तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि अगले दो
वर्षों में रेलवे के बेड़े में ऐसे गैर-वातानुकूलित सामान्य श्रेणी के 10
हजार से ज्यादा जीएस कोचों को शामिल कर लिया जाएगा। इनमें छह हजार से
ज्यादा जीएस कोच होंगे, जबकि बाकी डिब्बे स्लीपर श्रेणी के होंगे। इतनी
बड़ी संख्या में नाॅन एसी कोचों के शामिल होने से सामान्य श्रेणी के करीब
आठ लाख अतिरिक्त यात्री रोजाना रेल यात्रा का सफर कर पाएंगे। जीएस श्रेणी
के ये नवनिर्मित तमाम कोच एलएचबी के होंगे। ये सफर को आरामदायक और
सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ सुरक्षित और द्रुत बनाने में भी मदद करेगी।
पारंपरिक आईसीएफ़ रेल डिब्बों के मुकाबले ये नये एलएचबी कोच अपेक्षाकृत
हल्के और मजबूत हैं। हादसे की स्थिति में इन कोचों में नुकसान भी कम से कम
होगा।