नई
दिल्ली,। केनव्यू ने अपने रेडी-टू-ड्रिंक (आरटीडी)
रिहाइड्रेशन पोर्टफोलियो का विस्तार करते हुए ओआरएस लॉन्च किया है। यह
डायरिया से होने वाले डिहाइड्रेशन के लिए डब्ल्यूएचओ स्वीकृत फार्मूला है।
इसी के साथ केनव्यू अब डायरियल और नॉन-डायरियल डिहाइड्रेशन पर बचाव प्रदान
करने का बड़ा माध्यम बन गया।
केनव्यू इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर
मनीष आनंदानी का कहना है कि हमारे वैश्विक सेल्फ-केयर पोर्टफोलियो में यह
प्राथमिकता वाला ब्रांड है। रेडी-टू-ड्रिंक इलेक्ट्रोलाइट्स तीव्र
नॉन-डायरिया बीमारियों से तेजी से रिकवरी में एक सहायक के रूप में क्या
भूमिका निभा सकते हैं। केनव्यू विज्ञान-आधारित नवाचार का प्रबल समर्थक है।
नया रेडी-टू-ड्रिंक ओआरएस - डायरिया डिहाइड्रेशन से लड़ने और उसका समाधान
करने की केनव्यू की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा
कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तमाम कोशिशों के बावजूद डायरिया
से लड़ना बड़ी चुनौती है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, डायरिया वैश्विक स्वास्थ्य
के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जिसमें हर साल बच्चों में डायरिया के
लगभग 1.7 बिलियन मामले सामने आते हैं। भारत में डायरिया 5 साल से कम उम्र
के बच्चों में मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण बना हुआ है। डब्ल्यूएचओ द्वारा
अनुशंसित ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट (ओआरएस ) डायरिया के इलाज में स्वर्ण मानक
है, फिर भी इसे पर्याप्त रूप से प्रिस्क्राइब नहीं किया जाता। राष्ट्रीय
परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2019-21) के अनुसार, 5 साल से कम उम्र के
बच्चों में ओआरएस का कवरेज बढ़ने के बावजूद अभी भी (60.6 प्रतिशत ) कम है।
आनंदानी
के अनुसार, रेडी-टू-ड्रिंक ओआरएस का आसानी से सेवन किया जा सकता है। यह
डायरिया से लड़ने के लिए रीहाइड्रेशन प्रदान करता है। यह अनुमान लगाया गया
है कि केवल ओआरएस के उपयोग से डायरिया से होने वाली 93 प्रतिशत मौतों को
रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि केनव्यू आज राजस्व के आधार पर दुनिया की
सबसे बड़ी उपभोक्ता स्वास्थ्य कंपनी है।