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आईएएस बनने का सपना टूटा ताे बेटियाें काे आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देने उतर पड़ी फिटनेस काेच अपूर्वा -8000 से अधिक जरूरतमंद लड़कियों को निःशुल्क दे चुकी हैं सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग


मुरादाबाद,। सिविल लाइन के रामगंगा विहार कालोनी निवासी फिटनेस कोच अपूर्वा शर्मा ने दस साल पहले सिविल सर्विस की तैयारी छोड़कर जिम के साथ-साथ बेटियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देना प्रारंभ कर दिया। यह आज भी निरंतर जारी है। अपूर्वा मुरादाबाद में लड़कियों के लिए दो जिम चला रही है। वह अभी तक 8000 से अधिक जरूरतमंद लड़कियों को निःशुल्क सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे चुकी हैं। अपूर्वा का कहना है कि आज के समाज में सकारात्मक और नकारात्मक परिस्थतियों के बीच लड़कियों व महिलाओं का शारीरिक, मानसिक व वैचारिक तीनों रूप से सशक्त होना आवश्यक है। इसी को प्राथमिकता देते हुए वह कार्य कर रही है।

अपूर्वा शर्मा ने हिन्दुस्थान समाचार से बताया कि वह आईएएस बनकर समाजसेवा करना चाहती थीं। उस वक्त मुरादाबाद में शिक्षा का अच्छा माहौल नहीं मिल पाया। माता-पिता घर से दूर भेजने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। इन सभी कारणों की वजहों से जब उनका सपना पूरा नहीं हुआ तो उन्होंने बेटियों को जिम के माध्यम से शारीरिक रूप से मजबूत बनाने का सपना संजोकर रख लिया। अपूर्वा ने आगे बताया कि उनके मन में शुरू से ही कुछ अलग करने की चाहत थी और बचपन से ही उन्हें खेलों में दिलचस्पी थी। जब वह कक्षा पांच में थीं, उन्होंने ताइक्वांडो की ट्रेनिंग ले ली थी। इसके बाद कराटे में ब्लैक बेल्ट हासिल की। अपूर्वा ने बास्केटबाल में राष्ट्रीय स्तर पर मुरादाबाद और अपने प्रदेश का नाम रोशन किया है। लेकिन उन्हीं दिनों में उनकी एक करीबी दोस्त ने आत्महत्या कर ली। इस घटना ने अपूर्वा को हिला दिया। अपूर्वा ने बताया कि बाद में पता चला कि उनकी दोस्त ने शारीरिक और मानसिक हिंसा से परेशान होकर यह आत्मघाती कदम उठाया था। उन्हें लगा कि महिलाओं का शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न घर की चहारदीवारी में कैद होकर रह जाता है। इसलिए मातृशक्ति का शारीरिक, मानसिक और वैचारिक रूप से मजबूत होना आवश्यक है।

वर्ष 2013 में मुरादाबाद में पहले गर्ल्स जिम की शुरूआत की

अपूर्वा शर्मा ने अपने दाेस्त की सुसाइट की घटना के बाद मन में संजोकर रखे सपने को धरातल पर लाकर पूरा करने का काम प्रारंभ कर दिया। साल 2013 में उन्होंने जब लड़कियों के लिए मुरादाबाद में जिम की शुरूआत की तो हिचकिचाट व परिवारिक बंदिशों से लड़कियों की संख्या नगण्य रही। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह था कि लोगों की सेाच थी कि जिम तो लड़कों के लिए होता है, लड़कियों के लिए नहीं। इसके बाद सबसे पहले अपने फ्रेंड सर्किल को जिम में शारीरिक व्यायाम ही कराना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने अपने फ्रेंड सर्किल अपने परिचितों को मुरादाबाद में लड़कियों के लिए चल रहे शहर के पहले जिम के बारे में बताया। फिर अपूर्वा के जिम में संख्या बढ़ने लगी और कारवां बढ़ता गया।

8000 से अधिक लड़कियों को आत्मरक्षा के टिप्स दे चुकी हूं: अपूर्वा

फिटनेस कोच अपूर्वा शर्मा ने बताया कि वह जिम के अलावा नि:शुल्क सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग देती हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वयं के श्राेत के अलावा विभिन्न क्लब, एनजीओ और अनेकों संस्थाओं के माध्यम से गर्ल्स कॉलेज, टेक्निकल इंस्टिट्यूट, ग्रामीण क्षेत्रों आदि में निःशुल्क रूप से आत्मरक्षा के गुण सिखाने के साथ शारीरिक, मानसिक व वैचारिक रूप से मजबूत बनाने का कार्य करती हैं। जो भी संस्था या संगठन उन्हें लड़कियाें को सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग के लिए आमंत्रित करता है, अपने व्यस्तम समय में से भरपूर समय निकालकर बिना फीस के आत्मरक्षा के गुण सिखाती हैं। वह अब तक 8000 से अधिक लड़कियों को ट्रेंड कर चुकी है।