वाशिंगटन, । दुनियाभर में हुई आलोचना के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रंप को आखिरकार पारस्परिक टैरिफ (शुल्क) पर अपने कदम पीछे
खींचने पड़े। उन्होंने घोषणा की कि पारस्परिक टैरिफ को 90 दिनों के लिए
रोका जा रहा है। मगर इससे चीन को छूट नहीं दी गई है। ट्रंप के इस कदम से कल
अमेरिकी शेयर बाजार में भारी उछाल आया।
द न्यूयॉर्क टाइम्स
अखबार की खबर के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप के अपने रुख को पलटने से शेयर
बाजार में रौनक लौट आई। ट्रंप ने साफ किया है कि चीन को इस रोक में शामिल
नहीं किया जाएगा। उसके निर्यात पर टैरिफ दर को 125 प्रतिशत कर दिया गया है।
यह निर्णय बीजिंग के अमेरिकी वस्तुओं पर अपने शुल्क को 84 प्रतिशत तक
बढ़ाने के बाद लिया गया।
व्हाइट हाउस ने कहा कि टैरिफ को घटाकर 10
प्रतिशत किया जाएगा, लेकिन यह कनाडा और मैक्सिको पर लागू नहीं होगा। ट्रंप
ने यह पूछे जाने पर कि उन्होंने अचानक रोक लेने का फैसला क्यों किया पर
कहा, "ठीक है, मुझे लगा कि लोग थोड़ा सा लाइन से हट गए हैं। मगर अभी अभी
कुछ भी खत्म नहीं हुआ है। हमें अन्य देशों से जबरदस्त उत्साह मिला है। 75
से अधिक देश सौदे के लिए तैयार हैं। इस पर ट्रेजरी सेक्रेटरी ने कहा कि
टैरिफ पर वापसी राष्ट्रपति की बड़ी रणनीति का हिस्सा है। ट्रंप के इस कदम
से एसएंडपी 500 ने दिन का अंत 9.5 प्रतिशत की बढ़त के साथ किया, जो अक्टूबर
2008 के बाद से इसका सबसे अच्छा दिन था।
उल्लेखनीय है कि ट्रंप के
सबसे करीबी एलन मस्क ने भी उन्के पारस्परिक शुल्क पर विचार करने की अपील की
थी। बड़ी बात यह है कि ट्रंप को इस मसले पर अपने ही देश में विरोध का
सामना करना पड़ा। अमेरिकी अरबपति निवेशक बिल एकमैन ने नए टैरिफ को 90 दिन
तक के लिए टालने की अपील की थी।
अमेरिका ने चीन को छोड़ बाकी देशों पर लगाए गए टैरिफ को 90 दिन के लिए रोका
