लंदन,। प्रख्यात भारतीय लेखक अमिताव घोष का नाम मंगलवार को
'ब्रिटिश अकादमी बुक प्राइज फॉर ग्लोबल कल्चरल अंडरस्टैंडिंग 2024' के
संभावित विजेताओं में चुना गया। इसे कथेतर (नॉन फिक्शन) साहित्य के क्षेत्र
में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार माना जाता है। इसके तहत 25,000 पाउंड
की इनाम राशि प्रदान की जाती है।
ब्रिटिश अकादमी की वेबसाइट पर
उपलब्ध सूचना के अनुसार, घोष की कृति 'स्मोक एंड एशेज: ओपियम्स हिडेन
हिस्ट्रीज' का मुकाबला पांच अन्य अंतरराष्ट्रीय कृतियों के साथ है।
उल्लेखनीय है कि भारत के कोलकाता में जन्मे अमिताव घोष अमेरिका में रहते
हैं। निर्णायक मंडल ने ''इस अत्यंत पठनीय यात्रा वृतांत, संस्मरण और इतिहास
को जीवंत बनाने में उनके कहानी कहने के कौशल'' की प्रशंसा की। ब्रिटिश
अकादमी बुक प्राइज के बयान में कहा गया है कि घोष ने अपने इस उपन्यास में
दशकों के अभिलेखीय शोध का उपयोग किया है। इसमें 18वीं शताब्दी से लेकर
वर्तमान अफीम संकट और अमेरिका में ऑक्सीकॉन्टिन घोटाले तक वैश्विक अफीम
व्यापार के आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव का पता लगाने का प्रयास किया गया
है।
इस वर्ष के पुरस्कार की रेस में शामिल अन्य लेखकों में एड कॉनवे
को 'मटेरियल वर्ल्ड: ए सब्सटेंशियल स्टोरी ऑफ अवर पास्ट एंड फ्यूचर' के
लिए; केट कितागावा और टिमोथी रेवेल को 'द सीक्रेट लाइव्स ऑफ नंबर्स: ए
ग्लोबल हिस्ट्री ऑफ मैथमेटिक्स एंड इट्स अनसंग ट्रेलब्लेजर्स' के लिए चुना
गया है। साथ ही 'द टेम एंड द वाइल्ड: पीपुल एंड एनिमल्स आफ्टर 1492' के
लिए मार्सी नॉर्टन को, 'लैंग्वेज सिटी: द फाइट टू प्रिजर्व एन्डेंजर्ड मदर
टंग्स' के लिए रॉस पर्लिन को और 'डिवाइडेड: रेसिज्म, मेडिसिन एंड व्हाई वी
नीड टू डीकोलोनाइज हेल्थकेयर' के लिए एनाबेल सोवेमिमो को चुना गया है।
ब्रिटिश
अकादमी ने कहा है कि विजेता की घोषणा 22 अक्टूबर को होगी। इससे एक दिन
पहले 2024 शॉर्टलिस्ट किए गए लेखकों को लंदन रिव्यू बुकशॉप के साथ साझेदारी
में ब्रिटिश अकादमी में एक विशेष कार्यक्रम के लिए एक साथ लाया जाएगा। इस
कार्यक्रम की अध्यक्षता पुरस्कार विजेता पत्रकार रोजी गोल्डस्मिथ करेंगी।21
और 22 अक्टूबर के इन दोनों इवेंट को लाइव स्ट्रीम किया जाएगा। संभावित
विजेताओं के नामों की सूची जारी करने वाले निर्णायक मंडल में प्रोफेसर
चार्ल्स ट्रिप, प्रोफेसर रेबेका अर्ले, पूर्व बीबीसी संवाददाता ब्रिजेट
केंडल, पत्रकार और प्रसारक रितुला शाह और प्रोफेसर चक्रवर्ती रामप्रसाद
शामिल रहे।