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बांग्लादेश में मंदिरों पर हमले, मूर्तियां तोड़े जाने के बीच डर के माहौल में चल रही हैं दुर्गा पूजा की तैयारियां


ढाका। दुर्गा उत्सव न मनाने की धमकियों, मंदिरों पर हमले और मूर्तियां तोड़े जाने से बांग्लादेश में डर का माहौल है। इस सबके बावजूद दुर्गा पूजा की तैयारियां चल रही हैं। देशभर के पूजा मंडपों में असुरनाशिनी मां दुर्गा के भरोसे ही मूर्तियां बनाने का काम चल रहा है। हालांकि, सरकार की ओर से बार-बार पर्याप्त सुरक्षा का आश्वासन दिया जा रहा है लेकिन इसके बावजूद लगातार हमले की घटनाएं हो रही हैं। इस साल की दुर्गा पूजा को लेकर हिंदू समुदाय के कई नेता भी लगातार प्रशासन से चर्चा कर रहे हैं।

मैमनसिंह में गौरीपुर मध्य बाजार में गुरुवार की सुबह करीब चार बजे मूर्ति तोड़ने की घटना हुई है। इस घटना में संलिप्तता के आरोप में पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है। गौरीपुर मध्यबाजार पूजा समिति के पूर्व अध्यक्ष पीयूष रॉय ने मीडिया को बताया कि मंदिर में मूर्ति बनाने का काम 20 दिनों से चल रहा था। केवल मूर्ति का रंग-रोगन करना बाकी रह गया था। पूजा शुरू होने से एक दिन पहले मूर्ति को मंदिर से मंडप तक ले जाया जाना था लेकिन गुरुवार की सुबह करीब चार बजे एक युवक ने मंदिर में घुसकर मूर्ति को खंडित कर दिया। वहां से टूटी हुई मूर्ति ले जाने के दौरान मंदिर के बगल वाले घर की महिला डॉली रानी घटना देख चीख पड़ीं। इस बीच अखिलचंद्र विश्व शर्मा और विपुल घोष ने युवक को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया।

इसी तरह 15 सितंबर को फरीदपुर में दो मंदिरों में मूर्तियां तोड़ दी गईं। यह घटना फरीदपुर के भांगाबाजार के गुरुपट्टी इलाके में स्थित 'भांगाबाजार सार्वजनिन हरि मंदिर' और भांगा पुलिस स्टेशन के सामने स्थित 'भांगा सार्वजनिन काली मंदिर' में हुई। उस मंदिर में 75 वर्षों से दुर्गा पूजा की जा रही है। दोनों मंदिरों में मूर्तियां तोड़ने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने पहले उसे भारतीय नागरिक के रूप में प्रचारित किया। बाद में पता चला कि वह उसी इलाके का रहने वाला बांग्लादेशी नागरिक है।

इसी तरह बरिसाल के बरगुना सदर में 20 सितंबर की देर रात उपजिला के फुलझुरी संघ के गलाचिपा गांव के सार्वजनिक दुर्गा मंदिर में मूर्ति को खंडित कर दिया गया। मंदिर के अध्यक्ष विपुल समद्दर ने बताया कि देर रात बदमाशों ने मंदिर में घुसकर इस घटना को अंजाम दिया। सुबह मंदिर जाने पर मामले का पता चला। बाद में सभी को सूचना दी गयी। उस घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है। मंदिर में चार-पांच मूर्तियां तोड़ी गई हैं। दीपांकर घोष ने कहा, ''हमने सरकार के सभी स्तरों पर बैठकें की हैं।'' वे हमें हमारी सुरक्षा का भरोसा दिला रहे हैं लेकिन हम अभी तक निश्चित नहीं हो सकते और सिर्फ पुलिस सुरक्षा से इसे रोकना संभव नहीं है। इसके लिए समाज के सभी लोगों की ईमानदारी और सहयोग की आवश्यकता है।

बांग्लादेश केंद्रीय पूजा उत्सव परिषद के महासचिव संतोष शर्मा ने कहा, "हमने पूजा को मैदान से दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया। अब इसमें कोई दिक्कत नहीं है।" दक्षिण सिटी कॉरपोरेशन के पूर्व मेयर तापस ने धानमंडी के कलाबागान मठ में पूजा रोक दी थी। इस बार धानमंडी के कालाबागान मठ में पूजा होगी। उत्तर सेक्टर 17 में वृन्दावन इस्कॉन मंदिर के बगल में सार्वजनिक पूजा मंदिर के अध्यक्ष ने कहा कि शांतिपूर्ण पूजा गतिविधियां चल रही हैं। हम इस बार बहुत शांति से पूजा संपन्न करेंगे।

बांग्लादेश जन्माष्टमी उत्सव परिषद की केंद्रीय समिति के अध्यक्ष सुकुमार चौधरी से इस साल की दुर्गा पूजा के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "हम हिंदू शांति के लिए दुर्गा पूजा करते हैं।" मां दुर्गा ने राक्षसों का विनाश किया और सभी को शांति प्रदान की। हिंदू धर्म शांति का धर्म है, हम शांति में विश्वास करते हैं। मूर्ति विध्वंस में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और कड़ी सजा दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह के घृणित कृत्य को करने की हिम्मत न कर सके।

उन्होंने कहा, "राजनीतिक माहौल में बदलाव के साथ, हमें 5 अगस्त से देश भर के मंदिरों पर हमलों और बर्बरता की 1500 से अधिक शिकायतें मिली हैं।"

ढाका मेट्रोपॉलिटन उत्तर पश्चिम शाखा पूजा समिति के उपाध्यक्ष संदीप कुमार ने कहा कि उन्होंने पूजा को पूरा करने के लिए उत्तर के मोचा चटवार या उत्तर नंबर 11 सेक्टर ज़मज़म टॉवर के निकट एक खाली जगह की पेशकश की है। व्यवस्था के समग्र लाभों को ध्यान में रखते हुए बेहतर क्षेत्र पर निर्णय लेना बेहतर है। उन्होंने कहा, ''देश भर में कितने मंडपों की मूर्तियां तोड़ी गई हैं, इसका सटीक हिसाब हमारे पास अभी तक नहीं है।'' हमें शिकायतें मिल रही हैं, हम शिकायतों का सत्यापन करेंगे और कुछ दिनों के भीतर जानकारी जारी करेंगे। हालांकि, 5 अगस्त के बाद से हमें मंदिरों पर हमलों सहित विभिन्न प्रकार के हमलों और बर्बरता की 1500 से अधिक शिकायतें मिली हैं।

बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद के महासचिव संतोष शर्मा ने कहा, "हमने अपनी दुर्गा पूजा की समग्र सुरक्षा के लिए मुख्य सलाहकार सहित सरकार के विभिन्न स्तरों से अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस बार 32 हजार 666 दुर्गा पूजा पंडालों में पूजा होगी। हमारा मानना है कि इस बार 32 हजार से अधिक पूजा आयोजित होगी। दुर्गोत्सव को एक खुशी का अवसर बनाने का प्रयास कर रहे हैं मुझे उम्मीद है कि हिंदू समुदाय को डरना नहीं चाहिए, हर कोई पूजा का आनंद ले सकता है।'

इस बीच पुलिस पूजा में तीन स्तर की सुरक्षा की बात कर रही है। पूजा से पहले, पूजा के दौरान और बाद में सुरक्षा व्यवस्था लागू रहेगी। पुलिस मुख्यालय के एआईजी (मीडिया) इनामुल हक सागर ने कहा, ''पूजा और पूजा मंडपों में पहले स्तर की सुरक्षा का काम शुरू हो गया है। हमारा रुख यह है कि सांप्रदायिक सद्भाव वाले देश में किसी को भी पूजा के आधार पर अशांति पैदा करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। इसीलिए हम कठिन स्थिति में हैं। अगर किसी ने माहौल खराब करने की कोशिश की तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।''

एक सवाल के जवाब में एआईजी इनामुल हक ने कहा, 'हम सभी घटनाओं में शामिल अपराधियों को कानून के दायरे में ला रहे हैं। मंदिरों में विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। आगे किसी भी घटना को रोकने के लिए हमने सतर्कता बढ़ा दी है। यदि किसी के पास ऐसी कोई जानकारी है तो कृपया हमें बताएं जानकारी मिलते ही हम कार्रवाई करेंगे हम इस संबंध में अधिकतम अलर्ट पर हैं।''

हिंदू-बौद्ध-ईसाई एक्य परिषद के आयोजन सचिव एडवोकेट दीपांकर घोष ने कहा, 'दरअसल, हम हर हमले के लिए न्याय चाहते हैं।' अब तक जितनी घटनाएं हुई हैं, अगर उस पर विचार होता तो यह स्थिति नहीं होती।