ढाका,।
बांग्लादेश में जुलाई-अगस्त में सामूहिक विद्रोह के दौरान मानवता के खिलाफ
अपराध और नरसंहार के आरोपों के सिलसिले में आज 16 आरोपितों को
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के समक्ष पेश किया गया। इनमें पूर्व
मंत्री, पूर्व नौकरशाह, एक पूर्व न्यायाधीश व अन्य गणमान्य शामिल हैं। इनको
अंतरिम सरकार के गठन के बाद गिरफ्तार किया गया था।
द डेली स्टार
समाचार पत्र ने अपनी खबर में यह जानकारी दी। विवरण के अनुसार, इन 16 में से
12 को सुबह करीब 10:20 बजे अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण लाया गया।
इनके नाम हैं-पूर्व कानूनमंत्री अनीसुल हक, पूर्व उद्योगमंत्री अमीर हुसैन
अमू, पूर्व खाद्यमंत्री कमरुल इस्लाम, पूर्व नागरिक उड्डयन और पर्यटनमंत्री
लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) फारुक खान, पूर्व कृषि मंत्री अब्दुर
रज्जाक, पूर्वमंत्री और वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष राशेद खान मेनन, पूर्व
राष्ट्रपति हसनुल हक इनु, बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधनों पर पूर्व
प्रधानमंत्री के सलाहकार तौफीक-ए-इलाही चौधरी, पूर्व मंत्री कमाल अहमद
मजूमदार, पूर्व मंत्री गुलाम दस्तगीर गाजी, पूर्व न्यायाधीश शम्सुद्दीन
चौधरी माणिक और पूर्व गृह सचिव जहांगीर आलम।
इसके बाद सुबह करीब
10:40 बजे पूर्व मंत्री दीपू मोनी को अकेले लाया गया। पांच मिनट बाद पूर्व
डाक, दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री जुनैद अहमद पलक, पूर्व शिपिंग
मंत्री शाजहान खान और हसीना के सलाहकार और व्यवसायी सलमान एफ रहमान को
परिसर में लाया गया।