काठमांडू, सहकारी घोटाला में पिछले चार महीने से न्यायिक हिरासत में चल रहे पूर्व उपप्रधानमंत्री रवि लामिछाने को भैरहवा जेल में सामान्य सुविधाएं भी नहीं दी जा रही हैं। उन्हें सुबह और शाम को एक-एक बार ही अपने कमरे से बाहर निकलने की इजाजत दी जा रही है।
इस बात का खुलासा सोमवार को तब हुआ, जब नेपाल के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टोली भैरहवा जेल पहुंची। आयोग की प्रवक्ता लिली थापा ने बताया कि रवि लामिछाने को जेल के भीतर सामान्य सुविधा नहीं दिए जाने और उन्हें मानसिक प्रताड़ना करने की खबर स्थानीय मीडिया में प्रकाशित हुई थी।
प्रवक्ता लिली थापा ने बताया कि एक कैदी को दी जाने वाली सामान्य सुविधा भी पूर्व उपप्रधानमंत्री रवि लामिछाने को जेल प्रशासन की तरफ से नहीं दी गई है। रवि लामिछाने को सुबह और शाम एक बार ही अपने कमरे से बाहर निकलने दिया जाता है। रवि लामिछाने ने दूसरी जेल में स्थानान्तरण करने की मांग की थी,
रवि लामिछाने की तरफ से जमानत के लिए जिला अदालत भैरहवा में अपील की गई है, जिस पर सोमवार को ही सुनवाई पूरी हो चुकी है। अपनी रिहाई के लिए रवि ने दो करोड़ रूपये का बॉन्ड भी अदालत में जमा किया है।
एनएचआरसी ने भैरहवा जेल में पूर्व उपप्रधानमंत्री रवि लामिछाने का जाना हाल

इसी के बाद आज आयोग की चार सदस्यों की टोली ने भैरहवा कारागार पहुंच कर वास्तविकता का पता लगाया है। रवि लामिछाने से मुलाकात के बारे में आयोग की प्रवक्ता लिली थापा ने पत्रकारों को बताया कि रवि के कमरे की हालत सामान्य कैदी से भी बदतर है। उनके कमरे की खिड़कियों को प्लाईवुड से ढक दिया गया है, जिससे हवा भी आना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि उनके कमरे में एक पंखा जरूर देखा गया, पर खिड़की और दरवाजा अधिकांश समय बंद होने के कारण वहां उन्हें घुटन महसूस हो रही है।
लेकिन इस पर सुनवाई नहीं किए जाने की घटना पर आयोग ने अपनी आपत्ति दर्ज की है। आयोग का कहना है कि जब अदालत ने भी रवि के जेल स्थानान्तरण करने का आदेश दे दिया है, तो इसके बावजूद उनको भैरहवा जेल में ही रखना उचित नहीं है।