काठमांडू। नेपाल-भारत सीमा सुरक्षा को लेकर दोनों देशों के
अधिकारियों के बीच तीन दिनों से चल रही उच्च स्तरीय बैठक आज संपन्न हो गई।
भारत के सीमा सुरक्षा बल एसएसबी के महानिदेशक और सशस्त्र प्रहरी बल (एपीएफ)
के नेतृत्व में हुई बैठक में सीमा पार अपराध नियंत्रण को और अधिक प्रभावी
बनाने का निष्कर्ष निकाला गया है।
काठमांडू में तीन दिनों तक चली
बैठक में दोनों देशों के संयुक्त प्रयास से सीमा सुरक्षा को और अधिक
प्रभावी बनाकर सीमा से अपराध पर नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाने का
निर्णय लिया गया है।
पिछले शनिवार को शुरू हुई बैठक में सशस्त्र
पुलिस महानिरीक्षक राजू अर्याल और भारत के सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) के
महानिदेशक अमृत मोहन प्रसाद ने 11 एजेंडे पर चर्चा के बाद संयुक्त रूप से
हस्ताक्षर किए। संयुक्त समझौता ज्ञापन में सीमा पार अपराध नियंत्रण और सीमा
सुरक्षा पर सहयोग शामिल है। संयुक्त समझौता ज्ञापन में सीमा पार अपराध
नियंत्रण और सीमा सुरक्षा पर सहयोग शामिल है।
बैठक में सहभागी गृह
मंत्रालय के प्रवक्ता संयुक्त सचिव ऋषि राम तिवारी ने बताया कि सीमा अपराध
नियंत्रण, सूचना आदान-प्रदान, राजस्व चोरी नियंत्रण, नशीली दवाओं की तस्करी
और तीसरे देश के नागरिकों के अवैध प्रवेश पर नियंत्रण पर अधिक प्रभावी
उपाय करने पर सहमति हुई।
उनके अनुसार, नेपाल की सीमा सुरक्षा की
जिम्मेदारी संभालने वाली सशस्त्र पुलिस और भारत की एसएसबी के बीच बैठक में
सीमा सुरक्षा को और अधिक व्यवस्थित बनाने, दसगजा क्षेत्र को अपराधमुक्त
करने और सोने की तस्करी और मानव तस्करी को नियंत्रित करने के लिए संयुक्त
पहल करने पर एक संयुक्त समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं।
बैठक
में नेपाल की ओर से सशस्त्र बल के महानिरीक्षक अर्याल समेत गृह मंत्रालय,
नेपाल पुलिस, जांच विभाग, सर्वेक्षण विभाग, विदेश मंत्रालय के उच्च सुरक्षा
अधिकारियों की सहभागिता रही। भारत के सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) के
महानिदेशक अमृत मोहन प्रसाद के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम ने भाग लिया।
बैठक
में भारतीय पक्ष ने यह विचार प्रस्तुत किया कि तीसरे देशों के नागरिकों की
पहचान की समस्या के कारण आपसी सहयोग आवश्यक है। इसी तरह, भारत ने कहा है
कि चूंकि नेपाल के रास्ते तीसरे देशों से भारत में सोने की तस्करी हो रही
है, इसलिए इसे नियंत्रित करने के लिए सहयोग जरूरी है।
यह बैठक
प्रत्येक वर्ष बारी-बारी से नेपाल और भारत में आयोजित की जाती थी। अब हर
छह-छह महीने में बारी-बारी से बैठकें आयोजित करने का प्रस्ताव भी पारित हो
गया है। बताया जा रहा है कि दोनों पक्ष सीमा सुरक्षा अधिकारियों और जिला
अधिकारियों की नियमित बैठक पर सहमत हुए है।