काठमांडू। नेपाल, भारत और बांग्लादेश के बीच गुरुवार को 40
मेगावाट बिजली बिक्री समझौते पर हस्ताक्षर होने जा रहा है। बांग्लादेश में
भारत के रास्ते से नेपाल की बिजली निर्यात की जाएगी। आज दोपहर चार बजे होटल
याक एंड यति में नेपाल और बांग्लादेश के ऊर्जा मंत्रियों की मौजूदगी में
विद्युत व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने जा रहा है।
नेपाल विद्युत
प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुलमन घीसिंग ने कहा, "नेपाल अब तक
केवल भारत के साथ बिजली का व्यापार करता आ रहा है, लेकिन अब हम बांग्लादेश
के साथ भी बिजली का व्यापार शुरू करने जा रहे हैं, जो कि नेपाल के विद्युत
व्यापार के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।" उन्होंने कहा कि नेपाल विद्युत
प्राधिकरण, भारत के एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम (एनवीवीएन) और
बांग्लादेश के बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) के बीच
त्रिपक्षीय समझौता होगा।
प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक घीसिंग ने
कहा कि बाकी सभी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद इस बरसात के मौसम से
बांग्लादेश को बिजली निर्यात का काम शुरू कर दिया जाएगा। प्राधिकरण ने भारत
द्वारा निर्मित 25 मेगावाट की त्रिशूली और 22 मेगावाट की चिलिमे जल
विद्युत परियोजनाओं द्वारा उत्पादित बिजली के निर्यात की तैयारी की है। ये
दोनों ऐसी परियोजनाएं हैं, जिन्हें भारत में बिजली निर्यात के लिए मंजूरी
मिल चुकी है।
समझौते पर प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक कुलमन
घीसिंग, बीपीडीबी के अध्यक्ष मोहम्मद रेजुल करीम और एनवीवीएन के मुख्य
कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रेनू नारंग द्वारा हस्ताक्षर किया जाएगा।
प्राधिकरण बांग्लादेश को पांच साल तक बरसात के 6 महीने (हर साल 15 जून से
15 नवंबर तक) 40 मेगावाट बिजली बेचेगा। बांग्लादेश को बिजली बेचने पर
प्राधिकरण को प्रति यूनिट 6.40 अमेरिकी सेंट मिलेंगे।