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डोनबास से सेना नहीं हटाएगा यूक्रेन: राष्ट्रपति जेलेंस्की


कीव,  । यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि वे रूस के उस प्रस्ताव को खारिज करेंगे, जिसमें यूक्रेन से पूर्वी डोनबास क्षेत्र से अपनी सेनाएं हटाने की मांग की गई है। जेलेंस्की ने कहा कि ऐसा करने से यूक्रेन अपनी मजबूत रक्षा रेखाएं खो देगा और रूस को आगे के आक्रामक अभियानों के लिए खुला रास्ता मिल जाएगा।

राष्ट्रपति ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा केवल तब हो सकती है जब रूस युद्धविराम के लिए सहमत हो और यूक्रेन के लिए ठोस सुरक्षा गारंटियां उस चर्चा का हिस्सा हों। उन्होंने जोर दिया कि यूक्रेन से संबंधित किसी भी बातचीत में यूक्रेन की भागीदारी अनिवार्य है।

जेलेंस्की के अनुसार, रूस का मौजूदा प्रस्ताव यह है कि वह यूक्रेन के अन्य क्षेत्रों में अपनी सैन्य प्रगति रोक देगा, बशर्ते कीव डोनबास क्षेत्र से अपनी सेनाएं पीछे हटा ले। डोनबास में डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्र शामिल हैं, जहां 2022 से युद्ध तेजी से जारी है।

राष्ट्रपति ने बताया कि वर्तमान में यूक्रेन डोनेट्स्क क्षेत्र का लगभग 30 फीसदी हिस्सा, यानी करीब 9,000 वर्ग किलोमीटर भूमि, पर नियंत्रण बनाए हुए है। इस क्षेत्र में यूक्रेनी सेनाओं ने मजबूत किलेबंदी और रणनीतिक ऊंचाइयों पर नियंत्रण स्थापित किया हुआ है, जो रक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यूक्रेन ने डोनबास से अपनी सेना हटा ली, तो रूस को जापोरिज़्झिया और ड्नीप्रो क्षेत्रों तक सीधा रास्ता मिल जाएगा। इससे खारकीव पर भी खतरा बढ़ जाएगा।

जेलेंस्की ने कहा, "क्षेत्रीय मुद्दों को सुरक्षा गारंटियों से अलग नहीं किया जा सकता।" उनका यह बयान यूक्रेन की इस नीति को दोहराता है कि कोई भी समझौता उसकी संप्रभुता और रक्षा क्षमताओं से समझौता नहीं कर सकता।

उल्लेखनीय है कि जेलेंस्की का यह बयान उस समय आया है जब आगामी शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में शिखर बैठक प्रस्तावित है। ट्रंप ने हाल में संकेत दिया था कि किसी संभावित शांति समझौते में क्षेत्रीय अदला-बदली भी शामिल हो सकती है।