कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस
प्रमुख ममता बनर्जी ने सोमवार को बिना नाम लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित
शाह पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि देश को तानाशाही तरीके से
चलाया जा रहा है और हालात ऐसे हैं कि प्रधानमंत्री तक पर नियंत्रण रखा जा
रहा है।
पार्टी के बूथ लेवल सहायकों के एक कार्यक्रम को संबोधित
करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र देश को खतरनाक दिशा में ले जा रहा
है और लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपने
पूरे राजनीतिक जीवन में उन्होंने इतना खराब गृह मंत्री कभी नहीं देखा।
ममता
ने कहा कि वह व्यक्ति सब कुछ नियंत्रित कर रहा है। यहां तक कि
प्रधानमंत्री भी नियंत्रण में नहीं हैं। उन्हें संदेह है कि वही
प्रधानमंत्री को भी नियंत्रित कर रहा है और पूरे देश को चला रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर दंगा भड़काने वाले लोग देश चलाएंगे तो देश का क्या
होगा, यह समझा जा सकता है। उन्होंने लोगों से सोचने और हालात को समझने की
अपील की।
तृणमूल सुप्रीमो ने केंद्र पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
की विरासत को जानबूझकर हाशिये पर डालने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि
उन्हें राम नाम से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जब गांधीजी का नाम हटाकर
धार्मिक प्रतीकों को चुनिंदा तरीके से सामने लाया जा रहा है,
तो सवाल उठता
है कि देश को किस दिशा में ले जाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने उदाहरण
देते हुए कहा कि शवयात्रा के समय कहा जाता है राम नाम सत्य है, तो क्या
गांधीजी का नाम हटाकर देश को उसी ओर ले जाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री
ने चुनाव आयोग को भी निशाने पर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार
को बताए बिना केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पर्यवेक्षक नियुक्त किया जा
रहा है, जो संघीय व्यवस्था के खिलाफ है। ममता ने कहा कि राज्य में अधिकतर
बूथ लेवल अधिकारी शिक्षक हैं और माध्यमिक परीक्षा नजदीक है, ऐसे में उन पर
अतिरिक्त दबाव डाला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी मिल
रही है कि बड़ी संख्या में केंद्रीय सरकारी अधिकारियों को नियुक्त किया गया
है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह पता लगाया जाए कि किस
इलाके में कौन अधिकारी तैनात है, वह किस विभाग से है और कहां रहता है।
उन्होंने कहा कि वह सहयोग करेंगी, लेकिन पूरी जानकारी चाहती हैं।
ममता
बनर्जी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने जानबूझकर राज्य को विश्वास में लिए
बिना कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकारियों को पर्यवेक्षक
बनाया जा रहा है और साथ ही दिल्ली से आए लोगों को माइक्रो ऑब्जर्वर नियुक्त
किया जा रहा है, जिन्हें उन्होंने सत्तारूढ़ दल का एजेंट बताया।
मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि जो अधिकारी राजबंशी, कामतापुरी, लेपचा या नेपाली भाषा नहीं समझते, वे बंगाल में सुनवाई कैसे करेंगे।