कोलकाता। पश्चिम बंगाल में स्कूल नौकरी घोटाला मामले में
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मामले में आरोप तय करने की प्रक्रिया
23 दिसंबर को कोलकाता स्थित धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष
अदालत में पूरी होने की संभावना है। हालांकि, ईडी द्वारा दाखिल चार्जशीट
में आरोपितों की शारीरिक उपस्थिति सुनिश्चित करने में देरी इस प्रक्रिया को
बाधित कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार, सुजय कृष्ण भद्र और कल्याणमय
भट्टाचार्य की उपस्थिति को लेकर अनिश्चितता है। कल्याणमय भट्टाचार्य, जो
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ
चटर्जी के दामाद हैं, फिलहाल अपनी पत्नी और पार्थ चटर्जी की बेटी सोहिनी
भट्टाचार्य चटर्जी के साथ विदेश में रह रहे हैं।
भट्टाचार्य के
स्थानीय वकील ने अदालत को सूचित किया है कि उन्होंने भारत आने और अदालत में
उपस्थित होने की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं। वहीं, सुजय कृष्ण भद्र की
उपस्थिति पर भी सवाल है, क्योंकि उन्होंने हाल के दिनों में स्वास्थ्य
कारणों का हवाला देते हुए अदालत में पेश होने से परहेज किया है।
भद्र
फिलहाल केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में हैं, जो इस मामले
की समानांतर जांच कर रही है। सीबीआई ने हाल ही में भद्र को इस घोटाले में
गिरफ्तार किया है।
ईडी द्वारा इस मामले में कुल 54 लोगों को आरोपित
बनाया गया है, जिनमें 29 व्यक्ति और 25 संस्थाएं, कंपनियां या ट्रस्ट शामिल
हैं। आरोप तय करते समय सभी 29 व्यक्तियों की शारीरिक उपस्थिति अनिवार्य
है, जबकि आरोपित संस्थाओं के किसी प्रतिनिधि की उपस्थिति आवश्यक होगी।
आरोप
तय करने की प्रक्रिया के बाद इस मामले में सुनवाई शुरू होगी। अदालत ने
संकेत दिया है कि इस मामले की सुनवाई दैनिक आधार पर की जाएगी।