कोलकाता। पश्चिम बंगाल के सुंदरबन क्षेत्र के सुदूर द्वीपों को
सुरक्षा एजेंसियों ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए सुरक्षित ठिकाना माना
है। केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, दक्षिण 24 परगना जिले
के गोसाबा ब्लॉक में 13 द्वीपों को सबसे ज्यादा संवेदनशील पाया गया है। इन
द्वीपों पर सुरक्षा व्यवस्था की कमी और उनकी दूरस्थ प्रकृति के कारण
घुसपैठियों के लिए ये सुरक्षित स्थान बन गए हैं।
सूत्रों के अनुसार,
इन द्वीपों में से केवल एक पर ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का शिविर है।
मछुआरे, जो गहरे समुद्र में मछली पकड़ने जाते हैं, अक्सर इन द्वीपों का
अस्थायी आश्रय के रूप में उपयोग करते हैं। यही कारण है कि ये द्वीप
बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए सुरक्षित ठिकाने के रूप में उभर रहे हैं।
घुसपैठिए
पहले भारतीय मछुआरों का रूप धारण कर भारतीय सीमा में प्रवेश करते हैं, फिर
इन द्वीपों पर कुछ समय के लिए रुकते हैं। इसके बाद, फर्जी भारतीय दस्तावेज
बनवाकर वे दक्षिण 24 परगना जिले की बड़ी आबादी में घुलमिल जाते हैं और
कोलकाता तक पहुंच जाते हैं।
इन द्वीपों से कोलकाता तक आसानी से
पहुंचने के लिए बासंती एक्सप्रेसवे का उपयोग किया जाता है। यह मार्ग इन
घुसपैठियों को सुरक्षित और तेज़ी से कोलकाता तक पहुंचने का जरिया प्रदान
करता है।
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सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
बांग्लादेश
के मौजूदा संकट के बीच बांग्लादेशी नागरिकों और भूमिगत संगठनों के सदस्यों
की संभावित घुसपैठ को लेकर सुरक्षा एजेंसियां पहले से सतर्क हो गई हैं।
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पर निगरानी तेज कर दी गई है।
हाल
ही में दो बड़ी घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क किया है। पहली घटना
में, बांग्लादेश के दो समुद्री जहाजों को आईएमबीएल पार कर भारतीय जलक्षेत्र
में प्रवेश करते हुए पकड़ा गया। दूसरी घटना में, खुफिया रिपोर्ट से पता
चला कि प्रतिबंधित संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के कुछ सदस्य पश्चिम
बंगाल के सीमावर्ती जिलों में सक्रिय हो रहे हैं और वहां स्लीपर सेल बनाने
का प्रयास कर रहे हैं।
इन सभी घटनाओं के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों
ने सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी को और सख्त कर दिया है। अधिकारियों का
कहना है कि इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने के लिए सामरिक उपाय किए जा
रहे हैं।
सुदूर सुंदरबन के द्वीपों से बांग्लादेशी घुसपैठियों की घुसपैठ का खतरा बढ़ा, एजेंसियां सतर्क
