कोलकाता,। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को आरोप लगाया कि
फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नामक संदिग्ध लॉटरी
कंपनी ने अपनी इनाम संरचना को इस तरह से तैयार किया, जिससे वह अधिकतम टैक्स
बचा सके। ईडी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि कंपनी का 90 प्रतिशत
कारोबार छह रुपये मूल्य के लॉटरी टिकटों पर आधारित था, जिनमें से अधिकांश
इनाम 10 हजार रुपये से कम के थे, जो टैक्स के दायरे में नहीं आते।
बयान
के अनुसार कि कंपनी द्वारा इनाम विजेताओं, बिके और अनबिके टिकटों का सही
रिकॉर्ड नहीं रखा गया। लॉटरी योजनाएं इस प्रकार बनाई गई थीं कि कंपनी को
अधिक लाभ हो और आयोजन करने वाले राज्य को बहुत कम राजस्व मिले।
ईडी
ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत इस मामले में कंपनी और इसके
मालिक सैंटियागो मार्टिन के खिलाफ जांच के दौरान तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल,
कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मेघालय और पंजाब सहित कई राज्यों में 22 स्थानों पर
छापेमारी की। इस दौरान चार प्रिंटिंग प्रेस, जहां लॉटरी टिकट छपते थे, भी
जांच के दायरे में लाए गए।
ईडी ने छापेमारी में 12.41 करोड़ रुपये
की नकदी, डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं। साथ ही, 6.42
करोड़ रुपये की बैंक एफडीआर को भी फ्रीज कर दिया गया है। कोयंबटूर, चेन्नई,
मुंबई, दुबई और लंदन में अचल संपत्तियों में बड़े निवेश के रिकॉर्ड भी
मिले हैं। इसके अलावा, कंपनी ने शेयर बाजार में भी भारी निवेश किया है।
इस
मामले में ईडी ने जांच मेघालय पुलिस की शिकायत और केरल पुलिस के एफआईआर के
आधार पर शुरू की थी। इसे बाद में सीबीआई ने अपने हाथ में लिया।
ईडी
के अनुसार, "इससे पहले कोच्चि में हुई जांच में पाया गया कि सैंटियागो
मार्टिन और उसकी कंपनी ने लॉटरी व्यवसाय में लगभग 920 करोड़ रुपये की अपराध
से अर्जित संपत्ति हासिल की। इसमें से 622 करोड़ रुपये की संपत्तियों को
जब्त किया गया है और अदालत में मुकदमा चल रहा है।" ईडी के इस खुलासे ने
लॉटरी व्यवसाय में टैक्स चोरी और अनियमितताओं की गंभीरता को उजागर किया है।