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युवा सम्पूर्ण विश्व से ज्ञान अर्जित कर भारत में दें बेस्ट : रत्न संजय राजधानी लखनऊ में मनाया गया पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस


लखनऊ,। भारत 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा और इसके दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरने वाला पहला देश बना। इस ऐतिहासिक उपलब्धि का उत्सव मनाने के लिए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 अगस्त को "राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस" के रूप में घोषित किया था। इसी कड़ी में आज भारत अपना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मना रहा है। इसका विषय है "चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा।"

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सूचना प्रसारण मंत्रालय के केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा केंद्रीय विद्यालय गोमतीनगर में "राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर दो दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन सशस्त्र सीमा बल के महानिरीक्षक रत्न संजय ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रत्न संजय ने कहा कि भारत के विद्यार्थियों को अपने देश के वेद और पुराणों की सीख के साथ पश्चिम (वेस्ट) के देशों की तकनीक शिक्षा,खोज और ज्ञान को अर्जित करना चाहिए और उसे भारत को हार्ड पावर बनाने के लिए प्रयोग करना चाहिए। रत्न संजय ने कहा कि हार्ड पावर से हम विश्व पटल पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं। उन्होंंने कहा कि हार्ड पावर के अंतर्गत देश प्रभाव के रूप में सैन्य और आर्थिक साधनों का उपयोग करता है और सॉफ्ट पावर के अंतर्गत देश वैचारिक साधनों,सांस्कृतिक साधनों का प्रयोग करता है।

सशस्त्र सीमा बल के महानिरीक्षक ने कहा कि हार्ड पावर के साथ सॉफ्ट पावर अपने आप आता है। उन्होंंने कहा कि भारत में विश्व से सबसे अधिक युवा और प्राकृतिक संसाधन है जिसका प्रयोग कर हम बहुत तेजी से प्रगति कर सकते हैं।

सूचना प्रसारण मंत्रालय के अपर महानिदेशक विजय कुमार ने विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए कहा कि सत्तर और अस्सी के दशक में भारत ने परीक्षण के उद्देश्य से कई सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे और अब वे परीक्षण कारगर साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के वैज्ञानिकों द्वारा बनाएं गए स्वदेशी पीएसएलवी और जीएसएलवी से भारत टेलीकॉम, टेलीविजन और अन्य क्षेत्रों में नए-नए कीर्तिमान रच रहा है।

केंद्रीय संचार ब्यूरो के निदेशक मनोज कुमार वर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि सूचना प्रसारण मंत्रालय के द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन अवश्य करें और राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के बारे में दी गई जानकारी को अवश्य पढ़ें।

बीबीएयू लखनऊ के प्रो. डॉ. बीसी यादव ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत में पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का आयोजन होना गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों द्वारा जुटाई गई जानकारियों से भारत को समृद्ध बनाने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम में प्रदर्शनी, प्रश्नोत्तरी व पुरस्कार के माध्यम से विद्यार्थियों और आम जन मानस को पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के बारे में जानकारी दी गई।