कोलकाता: पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण
(एसआईआर) के तहत होने वाली सुनवाई बैठकों को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने
माइक्रो ऑब्जर्वरों को अहम निर्देश दिए हैं। आयोग ने कहा है कि सुनवाई के
दौरान मतदाताओं की जन्मतिथि से जुड़े किसी भी तरह के अंतर पर विशेष सतर्कता
बरती जाए।
मतदाता सूची के लिए 27 दिसंबर से शुरू होने वाले
पहले चरण में उन अनमैप्ड मतदाताओं को बुलाया जाएगा, जिनका संबंध न तो 2002
की मतदाता सूची से स्वयं मैपिंग के जरिए जुड़ा है और न ही वंशज मैपिंग के
माध्यम से। ऐसे मतदाताओं की संख्या 30 लाख से अधिक बताई जा रही है।
पश्चिम बंगाल में इससे पहले
एसआईआर 2002 में हुआ था। मसौदा मतदाता सूची 16 दिसंबर को प्रकाशित की जा
चुकी है। अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी को जारी की जाएगी। इसके बाद निर्वाचन
आयोग राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा।
मतदाता सुनवाई में जन्मतिथि की गड़बड़ी पर खास नजर रखें माइक्रो ऑब्जर्वर : निर्वाचन आयोग
मुख्य निर्वाचन
अधिकारी कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि उद्देश्य यह है कि न तो किसी भी वैध
मतदाता का नाम अंतिम मतदाता सूची से हटे और न ही कोई भी फर्जी मतदाता सूची
में शामिल रह पाए।
दूसरे
चरण में उन संदिग्ध मतदाताओं को सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा, जिनके
पारिवारिक विवरण में वंशज मैपिंग के दौरान गड़बड़ी पाई गई है। ऐसे मामलों
की संख्या करीब 1.36 करोड़ बताई गई है।





