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बंगाल में मतदाता सूची पुनरीक्षण से पहले मुख्य चुनाव अधिकारी ने सरकार से खाली पद भरने को कहा


कोलकाता, । पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने राज्य सरकार को तत्काल निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी और सहायक निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी की नियुक्ति करने का निर्देश दिया है। उन्होंने इस संबंध में मुख्य सचिव मनोज पंत को पत्र लिखकर शीघ्र कार्रवाई की मांग की। बुधवार रात लिखे इस पत्र में तुरंत कदम उठाने को कहा गया है।

चुनाव आयोग ने बार-बार राज्य से विधानसभा क्षेत्रवार इन अधिकारियों की नियुक्तियों की रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि रिक्त पदों को भरे बिना विशेष गहन पुनरीक्षण (मतदाता सूची अद्यतन प्रक्रिया) संभव नहीं है। आयोग ने इस संबंध में रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि 29 अगस्त शाम पांच बजे तय की है।

फिलहाल प्रदेश में निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी के 15 से 16 पद और सहायक निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी के 500 से अधिक पद रिक्त पड़े हैं।

सूत्रों के अनुसार, इन नियुक्तियों के बिना मतदाता सूची में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करना कठिन होगा।

जानकारों का मानना है कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब बंगाल सहित पांच राज्यों—तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी, असम और पश्चिम बंगाल—में भी यही प्रक्रिया जल्द लागू हो सकती है। उल्लेखनीय है कि इन राज्यों में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं।

हाल ही में राज्य सरकार ने आयोग के निर्देश के तहत आंशिक कार्रवाई करते हुए मयना और बारुईपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्रों के दो निर्वाचन निबंधन पदाधिकारियों तथा दो सहायक पदाधिकारियों को निलंबित किया था। उन पर मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप हैं। हालांकि आयोग द्वारा अनिवार्य की गई प्राथमिकी अब तक दर्ज नहीं की गई है।

चुनाव आयोग ने इस संबंध में पूर्ण अनुपालन की अंतिम समयसीमा 21 अगस्त तय की थी, लेकिन राज्य सरकार अब तक उसे पूरी तरह लागू नहीं की है।