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उत्तर बंगाल आपदा - राज्य के मंत्री देंगे राहत कोष में वेतन से एक लाख रुपये


कोलकाता, उत्तर बंगाल में आई भयंकर बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित इलाकों की मदद के लिए तृणमूल कांग्रेस ने बड़ा फैसला लिया है। पार्टी ने सभी राज्य मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वे अपने वेतन से एक लाख रुपये उत्तर बंगाल आपदा राहत कोष में जमा करें।

यह निर्णय उस वक्त लिया गया जब पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने खुद उदाहरण पेश करते हुए सोमवार को अपने वेतन से एक लाख रुपये राहत कोष में दान किए। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पांच लाख रुपये का व्यक्तिगत योगदान दिया है।

सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने यह राशि पश्चिम बंगाल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डब्ल्यूबीएसएमडीए) के खाते में जमा कराई है। यह कोष उत्तर बंगाल के बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित जिलों में राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए बनाया गया है।

मंत्रियों को पार्टी की ओर से आधिकारिक रूप से संदेश भेजकर बैंक खाता नंबर व्हाट्सएप के माध्यम से दिया गया है और निर्देश दिया गया है कि सभी मंत्री एक लाख रुपये इस खाते में ट्रांसफर करें।

अभिषेक बनर्जी ने अपने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “उत्तर बंगाल के कई जिले अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हैं। राज्य सरकार ने राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए लोगों से सहयोग की अपील की है। एकजुटता दिखाते हुए मैंने एक लाख रुपये राहत कोष में दान किए हैं।”

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जो इन दिनों उत्तर बंगाल के दौरे पर हैं, ने मंगलवार सुबह अपने योगदान की घोषणा की। उन्होंने कहा, “मैंने राहत कोष में पांच लाख रुपये जमा किए हैं। राज्य सरकार उन परिवारों को भी पांच लाख रुपये की सहायता देगी, जिनके प्रियजनों की इस आपदा में मृत्यु हुई है। साथ ही, जिनके घर तबाह हो गए हैं, उन्हें फिर से बसाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार लेगी।”

राज्य सरकार के अधिकारियों के मुताबिक, मंत्रियों का मासिक वेतन लगभग 1.5 लाख रुपये है और उनसे एक महीने से कम की राशि दान करने का आग्रह किया गया है।

इसी बीच, भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने भी राहत कार्यों के लिए सहयोग का एलान किया है। भाजपा ने घोषणा की है कि वह अपने पार्टी कोष से उत्तर बंगाल के प्रभावित परिवारों को मदद देगी। प्रत्येक मृतक परिवार को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

हाल के दिनों में हुई भारी वर्षा ने दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और जलपाईगुड़ी जिलों में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा कर दी थी। अब तक 27 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस आपदा को “मानवजनित” करार देते हुए आरोप लगाया कि भूटान की ओर से अचानक जल छोड़ने से स्थिति और बिगड़ गई।