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अनुसूचित जाति युवक की हत्या मामले में एक अभियुक्त को आजीवन कारावास


पूर्वी चंपारण।अनुसूचित जाति,जन जाति न्यायालय के विशेष न्यायाधीश दुष्यंत कुमार ने भूमि विवाद को लेकर हुई अनुसूचित जाति के एक युवक की चाकू मारकर निर्मम हत्या मामले में नामजद एक अभियुक्त को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व 25 हजार रुूपए अर्थ दंड की सजा सुनायी है। अर्थ दंड नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सजा रघुनाथपुर थाना क्षेत्र के मजुराहा निवासी स्व. गोबरी सहनी के पुत्र लालबाबू सहनी उर्फ चईट सहनी को हुई।

मामले में स्थानीय निवासी जगरनाथ मांझी ने रघुनाथपुर थाना में मामला दर्ज कराते हुए लालबाबू सहनी उर्फ चईट सहनी को नामजद किया था, जिसमें कहा था कि 6 फरवरी 2024 की संध्या करीब पांच बजे उसका भाई किशुन देव मांझी अपने दरवाजे पर बैठा था। उसी दौरान अपने काले रंग के अपाची बाईक से नामजद अभियुक्त आया और जाति सूचक गाली देते हुए उसके भाई के सीने में चाकू गोद दिया। वह चिल्लाया तो अभियुक्त अपनी बाइक से भाग गया। गंभीर हालत में वे पड़ोसी के सहयोग से अपने भाई को सदर अस्पताल मोतिहारी लाया,जहां ईलाज के दौरान उसके भाई की मौत हो गई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसी रात अभियुक्त को हिरासत में ले लिया तथा तीन माह के भीतर ही आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित कर दिया।

विशेष लोक अभियोजक मोहन ठाकुर के तत्परता से 29 मई को न्यायालय ने अभियुक्त के विरूद्ध आरोप गठन कर अनुसूचित जाति/जन जाति मामले के तहत विचारित कर दी। विशेष लोक अभियोजक मोहन ठाकुर एवं सहायक अधिवक्ता उपेंद्र सिंह ने महज पांच माह में ही मामले के सभी सात गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन साक्ष्य करा दिया। न्यायालय ने दोनों पक्षों के दलीलाें काे सुनने के बाद नामजद अभियुक्त को दोषी पाते हुए उक्त सजा दी है।