पटना,। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर राज्य सरकार खेल
में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर
के बिहार के खिलाड़ियों और उनके कोच को सम्मानित करने के लिए प्रत्येक
वर्ष बिहार राज्य खेल सम्मान समारोह का आयोजन करती है। इस समारोह में
खिलाड़ियों को प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार राशि दी जाती है। इसके अलावा खेल
के विकास में अहम योगदान देने वाले लोगों को भी सम्मानित किया जाता है।
जमुई
के जैवलिन थ्रो सिखाने वाले आशुतोष खेल सम्मान से सम्मानित होने वाले
इकलौते प्रशिक्षक हैं। प्रशिक्षक आशुतोष बीते कई वर्षों से राज्य खेल
प्राधिकरण के सानिध्य में भाला फेंक प्रतियोगिता के होनहार एथलीटों को
प्रशिक्षित कर रहे हैं। इन्होंने खुद भी राष्ट्रीय स्तर पर कई बार दूर भाला
फेंक प्रतियोगिता में बिहार के लिए स्वर्ण पदक हासिल की है। जैवलिन थ्रो
में राष्ट्रीय स्तर पर बिहार के लिए गोल्ड जीतने के लिए वीरेंद्र यादव को
और थ्रेट लोन में स्वर्ण पदक जीतने के लिए आशीष कुमार को सम्मानित किया गया
है।
ओलंपिक में मेडल लाने के बाद श्रीजेश को बुलाकर सम्मानित करने
वाला पहला राज्य बिहार ही है। इनके बिहार आने से यहां के खिलाडियों का
हौसला काफी बढ़ा है। श्रीजेश भारतीय हॉकी के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर ही नहीं
एक दीवार के रूप में जाने जाते हैं। बिहार खेल सम्मान समारोह में 33 खेलों
के 615 खिलाड़ियों, 21 प्रशिक्षकों, 4 खेल संघों और 4 खेल अधिकारियों सहित
कुल 644 लोगों को सम्मानित किया जा चुका है। इनके बीच लगभग 7.5 करोड़ रुपये
की सम्मान राशि वितरित की गई है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में इस
समारोह में 11 प्रशिक्षकों समेत कुल 411 खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया
था। अबतक 1272 उत्कृष्ट खिलाड़ियों के बीच 15.5 करोड़ रुपये सम्मान राशि
का वितरण किया गया है। बिहार में खेल और खिलाड़ियों को ऊंचाई प्रदान करने
के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिए सकारात्मक प्रयास
किया जा रहा है। खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें राज्य सरकार
की ओर से बिहार राज्य खेल सम्मान से सम्मानित कर प्रोत्साहित किया जाता है।
एक तरफ जहां मेडल लाओ-नौकरी पाओ योजना के तहत खिलाड़ियों को नौकरी दी जा
रही है, वहीं दूसरी तरफ खिलाड़ियों को सम्मान राशि देकर उनके बेहतर भविष्य
का निर्माण किया जा रहा है।