पूर्वी
चंपारण। ओडिशा के कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल
टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय में एक नेपाली छात्र की आत्महत्या के बाद वहां
पढ़ने वाले नेपाली छात्रों में आक्रोश और भय व्याप्त है। इस घटना के बाद
बड़ी संख्या में नेपाली छात्र-छात्राएं अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर रक्सौल
के रास्ते नेपाल लौट रहे हैं।
नेपाली छात्रों ने बताया कि कॉलेज के
स्टाफ, गार्ड, बाउंसर ने जबरन हॉस्टल खाली कराकर धक्का मुक्की करते हुए
कॉलेज से बाहर कर दिया। वहां से बस में ठूस ठूस कर बैठाकर भुनेश्वर रेलवे
स्टेशन भेजवा दिया। भुनेश्वर से हावड़ा पहुचे वहां से मिथला ट्रेन पकड़कर
रक्सौल पहुचे। इस स्थिति को देखते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के
कार्यकर्ता सक्रिय हो गए हैं। वे राष्ट्रीय स्तर पर इन छात्रों से लगातार
संपर्क बनाए हुए हैं और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। इसी क्रम
में आज रक्सौल बॉर्डर पर स्थित रेलवे जंक्शन और बस पड़ाव पर अभाविप के
कार्यकर्ताओं ने नेपाल लौट रहे विद्यार्थियों से संवाद किया।
अभाविप
कार्यकर्ताओं ने छात्रों से बातचीत कर उन्हें न्याय दिलाने के लिए आश्वासन
दिया और पुनः भारत लौटकर अपनी पढ़ाई जारी रखने का आग्रह किया। छात्रों की
मदद के लिए उन्हें पेयजल, जलपान और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।
साथ ही, नेपाल प्राग्यिक परिषद् के कार्यकर्ताओं ने भी इस पहल में सहयोग
दिया और छात्रों की गंतव्य तक सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी
ली।
इस कार्यक्रम में अभाविप के कई प्रमुख कार्यकर्ता मौजूद रहे,
जिनमें नेपाली विद्यार्थी कार्य के राष्ट्रीय सह संयोजक प्रियांशु
त्रिपाठी, प्रांत अध्यक्ष प्रो. अंजनी कुमार, प्रांत शोध कार्य प्रमुख
प्रो. पंकज कुमार, मुकेश कुमार, हिमांशु कुमार, जिला संयोजक अंकित कुमार,
पूर्व प्रदेश कार्यालय मंत्री सुबोध कुमार, धीरज कुमार, कॉलेज अध्यक्ष
सोमेश्वर कुमार यादव, गोलू कुमार, प्रियांशु कुमार आदि शामिल थे।
उल्लेखनीय
है कि नेपाली छात्र की आत्महत्या के बाद नेपाली छात्रों के साथ काॅलेज
प्रबंधन द्धारा किये अमानवीय बर्ताव से छात्रो के बीच असुरक्षा की भावना
बढ़ गई है। वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और भारत में अपनी पढ़ाई जारी
रखने को लेकर संकोच कर रहे हैं। अभाविप और नेपाल प्राग्यिक परिषद् के
कार्यकर्ताओं ने छात्रों को हरसंभव मदद और सुरक्षा का भरोसा दिलाया है।कहा
कि छात्रों को न्यायिक सहायता और उनके हितों की रक्षा के लिए संगठन निरंतर
प्रयासरत है। अभाविप ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस घटना की निष्पक्ष जांच
और नेपाली छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों पर कठोर करवाई
करने की मांग सरकार से की है।
केआईआईटी विश्वविद्यालय में नेपाली छात्र की आत्महत्या के बाद छात्रों का पलायन
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