पूर्वी
चंपारण। एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग
द्धारा जिले भर में महिलाओं व किशोरियों की हीमोग्लोबिन की जांच किया गया।
साथ ही, माहवारी स्वच्छता के बारे मे भी जागरूक किया गया।
जिले के
पीएचसी द्वारा चयनित एएनएम की टीम द्वारा उनके कार्य क्षेत्र वाले सभी
सरकारी स्कूलों मे बालिकाओं की डिजिटल मशीन से हिमोग्लोबिन की जांच की जा
रही है, ताकि उनके शरीर की रक्त प्रतिशत की जानकारी हो सके। इस अभियान में
स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग एवं पीरामल फाउंडेशन के संयुक्त सहयोग से
चलाया जा रहा है। हीमोग्लोबिन की जांच के उपरांत किशोरियो के बीच आयरन की
ब्लू टेबलेट भी वितरित किया जा रहा है।
इस दौरान किशोरियो को
माहवारी स्वच्छता व सुरक्षा की भी जानकारी दी जा रही है।जिले के अपर मुख्य
चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवण कुमार पासवान ने बताया कि माहवारी एक
स्वाभाविक प्रक्रिया है,जिससे घबराने या भयभीत होने ही आवश्यकता नहीं है
किशोरियों में माहवारी की शुरुआत 8 वर्ष से 12 वर्ष के बीच हो जाता है। इस
समय निजी स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
माहवारी के
समय संक्रमण से बचने हेतु सैनिटरी नैपकिन का प्रयोग आवश्यक है।उन्होने कहा
कि एनीमिया के शिकार महिलाओ को चक्कर आना, थकान, या सिर घूमना, दिल की तेज़
धड़कन या धकधकी होना, त्वचा का पीलापन, नाज़ुक नाखून, सांस फूलना, या
सिरदर्द लक्षण हो सकते है वहीं इससे बचने के लिए आयरनयुक्त आहार का सेवन
जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, खुबानी, अंडा दाल,नारंगी व मौसमी फल के साथ
खजूर आदि का सेवन करना चाहिए। पीरामल संस्था के ज़िला प्रतिनिधि मुकेश
कुमार ने बताया कि जितनी बालिकाओं का हिमोग्लोबिन जांच हुई है उसे बेस लाइन
डेटा माना जाएगा एवं छः माह बाद दुबारा जाँच किया जाएगा।
इस बीच
जो छः माह का समय है इसके दौरान उसके पोषण/ खानपान संबंधित परामर्श दिया
जाएगा और उन्हे आयरन की गोली का साप्ताहिक सेवन सुनिश्चित कराया जायेगा।
मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी हासिम साह, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक
राजीव मिश्रा, रवि कुमार, बीसीएम अजय कुमार, एएनएम नाहिदा ख़ातून,लैब
टेक्निशियन सरफराज अहमद, परामर्शदाता ब्रजेश कुमार, पिरामल फाउंडेशन के
जिला प्रतिनिधि मुकेश कुमार एवं राना फ़िरदौस,शोभा कुमारी व अन्य उपस्थित
रहे।
एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत बालिकाओं की हुई हीमोग्लोबिन की जांच
