गोयल ने कहा भारत और रूस सुख-दुख का साथी है।
उन्होंने कहा कि एंटरप्रेन्योरशिप भारत के डीएन में गहराई से बसी है।
भारत, दुनिया के लिए एक भरोसेमंद, विश्वसनीय और आगे की सोचने वाला पार्टनर।
उन्होंने कहा कि भारत और रूस दोनों पक्षों ने 2030 तक 100 अरब अमेरिकी
डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य निर्धारित किया है।
भारत-रूस व्यापार को और अधिक संतुलित बनाने की है जरूरत: पीयूष गोयल
नई
दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल
ने गुरुवार को कहा कि भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने
तथा इसे और अधिक संतुलित बनाने की दिशा में काम करने के व्यापक अवसर मौजूद
हैं।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री नई दिल्ली के भारत
मंडपम में उद्योग मंडल भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की ओर से
आयोजित भारत और रूस व्यापार मंच की बैठक को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय
मंत्री ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार 70 अरब यूएस डॉलर तक पहुंच रहा है,
'लेकिन हम आराम से नहीं बैठ सकते, हमें आगे बढ़ना होगा और संतुलन बनाना
होगा। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्र में भारत से रूस को निर्यात बढ़ाने की
क्षमता है, उनमें कंज्यूमर सामान, खाद्य उत्पाद, ऑटोमोबाइल, ट्रैक्टर, भारी
कमर्शियल वाहन, स्मार्टफोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, औद्योगिक घटक और
टेक्सटाइल शामिल हैं।
केंद्रीय
मंत्री ने कहा कि भारत सेवा क्षेत्र में भी रूस को बड़ी पेशकश कर सकता है।
भारत और रूस व्यापार मंच बैठक में रूसी संघ के राष्ट्रपति कार्यालय के
डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ मैक्सिम ओरेश्किन ने कहा कि रूस के आयात में भारत की
हिस्सेदारी दो फीसदी से भी कम है और इसे बढ़ाने की जरूरत है। ओरेश्किन ने
कहा कि अधिक संतुलित व्यापार के लिए इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि भारत छह प्रमुख क्षेत्रों में आपूर्ति बढ़ा सकता है जिनमें
कृषि, औषधि, दूरसंचार उपकरण, औद्योगिक कल-पुर्जे एवं मानव संसाधन शामिल
हैं। इस अवसर पर वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने प्रक्रियाओं को सरल बनाने
की जरूरत पर जोर दिया, ताकि भारतीय व्यवसाय रूस को अपना निर्यात बढ़ा सकें।
गौरतलब है कि भारत का रूस को निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में 4.9 अरब
अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि आयात 63.8 अरब अमेरिकी डॉलर था। इससे व्यापार घाटा
लगभग 59 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।
