शिमला,। शिमला पुलिस ने एक और चिट्टा तस्करी गैंग का पर्दाफाश
किया है। पुलिस ने इस तस्करी नेटवर्क के सरगना बलबीर सिंह (50 वर्षीय) और
उसके दो साथियों अखिलेश (32 वर्षीय) और सबीन मेहता (30 वर्ष) को गिरफ्तार
किया। आरोपियों की गिरफ्तारी गुरूवार की शाम शिमला के बालूगंज थाना अंतर्गत
आईएसबीटी के पास हुई। पुलिस ने आरोपियों के पास से 41.810 ग्राम चिट्टा
बरामद किया है। तीनों तस्कर पुलिस के राडार में थे।
पुलिस के
मुताबिक इस गैंग का सरगना बलबीर सिंह है, जो शिमला जिले के ननखड़ी इलाके का
निवासी है। बलबीर पहले भी चिट्टा तस्करी के मामले में गिरफ्तार हो चुका
है। इस बार पुलिस ने उसे अपने अन्य दो साथियों के साथ रंगे हाथ पकड़ा।
बलबीर की भूमिका इस गैंग में प्रमुख थी और वह चिट्टा तस्करी के कारोबार को
संचालित करता था।
पुलिस के अनुसार यह गैंग अप्पर शिमला के ननखड़ी और
आसपास के इलाकों में सक्रिय था। इन इलाकों में चिट्टे की तस्करी को बढ़ावा
देने के लिए ये लोग छोटे स्तर पर ड्रग्स की सप्लाई करते थे। पुलिस की
मानें तो इस गैंग का नेटवर्क बहुत मजबूत था और इसके साथ जुड़े लोग शिमला
जिला के विभिन्न हिस्सों में तस्करी को अंजाम दे रहे थे।
पुलिस ने
इस गैंग के बारे में जानकारी मिलने के बाद इन्हें दबोचने के लिए एक सटीक
योजना बनाई थी। शिमला के आईएसबीटी इलाके में जाल बिछाकर इन्हें गिरफ्त में
लिया गया। ये दो अलग-अलग गाड़ियों में सवार थे। पुलिस ने निरीक्षण के लिए
इनकी गाड़ियों को रोका और तलाशी के दौरान इनके कब्ज़े से चिट्टा बरामद हुआ।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ शिमला के बालूगंज थाने में मामला दर्ज
किया गया है।
एसपी शिमला संजीव गांधी ने शुक्रवार को बताया कि इस
गैंग का सरगना बलबीर चिट्टा तस्करी के मामले में पहले भी पकड़ा गया था।
बलबीर इस बार गैंग को फिर से सक्रिय करने में लगा था और उसने पहले की तरह
तस्करी का नेटवर्क चलाना शुरू किया था। उन्होंने कहा कि गैंग के सदस्य
अधिकतर अप्पर शिमला के ननखड़ी और आसपास के इलाकों में ड्रग्स की सप्लाई करते
थे।
उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में केस दर्ज कर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
बता
दें कि यह पहली बार नहीं है जब शिमला पुलिस ने चिट्टा तस्करी के गैंग का
पर्दाफाश किया है। इससे पहले पुलिस ने शाही महात्मा और राधे गैंग का भी
भंडाफोड़ किया था, जो अप्पर शिमला में ड्रग्स के कारोबार में सक्रिय थे। इन
गैंग्स के भंडाफोड़ के बाद पुलिस ने इनके नेटवर्क को तोड़ा और कई आरोपी
गिरफ्तार किए थे।