इस
सप्ताह 12 अप्रैल को सिनेमाघर में रिलीज होने वाली हिंदी फ़िल्म ‘अमीना’
समाज के एक हार्ड हिटिंग टॉपिक पर बनी है। वह टॉपिक है महिलाओं के साथ
लगातार गलत होना। यह वर्षों से होता आ रहा है मगर वक्त के साथ अब महिलाएं
मूकदर्शक बनकर नहीं रहतीं। फिल्म ‘अमीना’ इसी विषय को बड़ी संवेदनशीलता के
साथ बनाई गई है।
फ़िल्म की कहानी, स्क्रीनप्ले और इसके
प्रस्तुतिकरण में एकदम नयापन है। फिल्म उर्दू के उपन्यासकार आफताब हसनैन के
विख्यात ड्रामे यहां ‘अमीना’ बिकती है से प्रेरित है, मगर इसको फ़िल्म का
रूप कुमार राज ने बड़ी शिद्दत के साथ दिया है। यह फिल्म वर्षो पहले की
किशोरी अमीना और आज की आज़ाद ख्याल लड़की मीना की सच्ची कहानी पर आधारित है।
यह कहानी इस बात के इर्द-गिर्द घूमती है कि ज़िंदगी उनके साथ एक जैसे हालात
में कैसे पेश आती है और वे इससे अलग तरीके से कैसे निपटते हैं। नायिका
मीना आज की अभिनेत्री है, जो पृथ्वी थिएटर में "यहां अमीना बिकती है" नामक
नाटक में अमीना नाम की एक मासूम किशोरी की भूमिका निभा रही होती है। यह
नाटक भी अमीना की सच्ची कहानी पर आधारित है, जिसे उसके लालची अभिभावक ने
पैसे की खातिर एक अस्सी वर्षीय अरब से बेच दिया था। मीना अभिनीत इस नाटक
में दिखाया गया है कि अमीना के साथ बलात्कार होता है और वह आत्महत्या कर
लेती है।
इस नाटक के एक दिन बाद जब मीना पृथ्वी थिएटर से
बाहर निकलती है, तो वह खुद बलात्कार की शिकार हो जाती है। मीना एक लड़की के
संघर्ष को चित्रित करती है, जो न्याय के लिए चिल्लाती है और मानवता की
गुहार लगाती है। उसकी लड़ाई हर उस महिला के लिए है, जिसने अंधेरी रातें
देखी हैं और फिर भी चुप रहीं। समाज और दुनिया से तंग आकर क्या मीना अमीना
की तरह आत्महत्या कर लेगी या न्याय के लिए लड़ेगी और प्रतिशोध चुनेगी? इसके
लिए आपको फ़िल्म देखनी चाहिए।
अभिनय की बात करें तो रेखा
राणा ने प्रभावी रोल अदा किया है। उनके किरदार में काफी शेड्स और रंग हैं
लेकिन उन्होंने हर रंग में खुद को रंग लिया है। इस किरदार को निभाने के लिए
रेखा राणा की तैयारी पर्दे पर दिखाई देती हैं। महादेवन तो खैर एक सुलझे
हुए और अनुभवी कलाकार हैं। उन्होंने अपनी भूमिका को यादगार बना दिया है।
उत्कर्ष कोहली ने अभिनय से अपने किरदार के साथ न्याय किया हैं। साथ ही
कुमार राज ने भी बहुत स्वाभाविक अभिनय किया हैं।
जहाँ तक
फ़िल्म के निर्देशन का सवाल है, कुमार राज ने एक पॉवर पैक सिनेमा बनाया है।
रेखा राणा से उन्होंने अच्छा अभिनय करवा लिया है। डॉ प्रोफेसर किशन पवार ने
पटकथा लेखन के द्वारा कमाल दिखाया है। फ़िल्म का तकनीकी पहलु बहुत मजबूत
है। इस्माइल दरबार ने इसका बैकग्राउंड म्यूज़िक फ़िल्म की थीम के अनुसार दिया
है। सीनियर एक्टर रज़ा मुराद की आवाज़ भी फ़िल्म में सुनाई देती है। बॉलीवुड
के फेमस साउंड इंजीनियर निहार रंजन सामल ने पिक्चर का साउंड तैयार किया है।
ईद के अवसर पर रिलीज़ होने वाली फ़िल्म ‘अमीना’ बहुत ही साहस के साथ
मुस्लिम समाज के बीच की इस संवेदनशील कहानी को बहुत साहस के साथ प्रस्तुत
करेगी।
संवेदनशील कहानी को बहुत साहस के साथ प्रस्तुत करती हैं फ़िल्म अमीना
