Intercourse के दौरान की जाने वाले इन गलतियों के कारण कंसीव करने में आ सकती है मुश्किल कई बार कपल्स फर्टाइल विंडो को पीरियड्स के दिनों के हिसाब से कैलकुलेट
करते हैं, लेकिन हमेशा ये सटीक नहीं बैठता है। फर्टाइल विंडो ओव्युलेशन डे
या उससे 1-2 दिन पहले होती है। सही कैलकुलेशन न करने की वजह से भी कंसीव
करने में मुश्किल आती है। मिसकैरिज का टेस्ट नेगेटिव आने के बाद तुरंत ट्राई करना भी सही नहीं है।
मिसकैरिज के बाद शरीर को रिकवर करने का टाइम दें, यूट्राइन लाइनिंग और
हार्मोन्स को बैलेंस होने का समय दें और फिर दोबारा कोशिश करें। अगर आप दिनभर थकने के बाद देर रात में इंटिमेट हो रही हैं, तो इसकी वजह से
शरीर में कोर्टिसोल बढ़ जाता है और टेस्टेस्टेरोन और प्रोजेस्टेरोन कम हो
जाता है। एक्सपर्ट का कहना है कि सुबह के वक्त इंटिमेट होना बेहतर माना गया
है। आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं, तो इसे लेकर स्ट्रेस बिल्कुल न लें।
स्ट्रेस के कारण ओव्युलेशन पर असर होता है। इतना ही नहीं, इसके कारण
रिप्रोडक्टिव हार्मोन्स और इंप्लांटेशन के चांज भी प्रभावित होते हैं। आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं, तो इसे लेकर स्ट्रेस बिल्कुल न लें।
स्ट्रेस के कारण ओव्युलेशन पर असर होता है। इतना ही नहीं, इसके कारण
रिप्रोडक्टिव हार्मोन्स और इंप्लांटेशन के चांज भी प्रभावित होते हैं। कई लुब्रिकेंट्स का भी स्पर्म क्वालिटी पर असर होता है। इंटरकोर्स के बाद तुरंत उठ जाना भी सही नहीं है। कम से कम 10-15 मिनट आराम जरूर करें। आप कंसीव करने की प्लानिंग कर रही हैं, तो सेक्शुअल रिलेशन बनाते वक्त ये गलतियां बिल्कुल न करें।
Intercourse के दौरान न करें ये गलतियां, कंसीव करने में आ सकती है मुश्किल
रांची: फिजिकल इंटिमेसी किसी भी कपल की शादीशुदा जिंदगी का एक अहम हिस्सा है।
शादीशुदा जिंदगी में इमोशनल कनेक्शन जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी इंटिमेट
बॉन्डिंग भी है। सेक्शुअल रिलेशन का मतलब सिर्फ इंटरकोर्स समझना गलत है।
अच्छी इंटिमेट लाइफ के लिए इसे सही तरह से समझना और दोनों पार्टनर्स की सोच
और जरूरत का ख्याल रखना बहुत जरूरी हो जाता है। अगर आप बेबी प्लान नहीं कर
रही हैं, तो सेक्शुअल रिलेशन बनाते वक्त सेफ बर्थ कंट्रोल ऑप्शन्स का
इस्तेमाल बेहद जरूरी है।
वहीं अगर आप कंसीव करने की कोशिश कर रही हैं, तो
इंटिमेट होते वक्त फर्टाइल विंडो का ध्यान रखा चाहिए ताकि कंसीव करने में
आसानी हो।
