कानपुर,। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर ने शनिवार
को अपना 57वां दीक्षांत समारोह मनाया। इस दौरान विभिन्न विषयों में 2332
स्नातकों को डिग्री प्रदान की गई। संस्थान ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर अपने
छात्रों की कड़ी मेहनत और उपलब्धियों को गर्व से स्वीकार किया। इसके अलावा
राष्ट्रपति स्वर्ण पदक, निदेशक स्वर्ण पदक और रतन स्वरूप मेमोरियल पुरस्कार
से छात्रों को पुरस्कृत किया गया।
दीक्षांत समारोह
कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित किया गया था, जिसका मुख्य उद्घाटन समारोह
आईआईटी के मुख्य सभागार में आयोजित किया गया था। दीक्षांत समारोह में
अमेरिका के ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर की पूर्व
छात्रा प्रो. जयति वाई. मूर्ति कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि थीं, जबकि
आईआईटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स डॉ. महेश गुप्ता और निदेशक प्रो. मनिंद्र
अग्रवाल ने दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की।
विशिष्ठ अतिथि प्रो.
जयति वाई. मूर्ति ने छात्रों को प्रेरित करने के लिए अपने प्रेरक जीवन के
अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि दुनिया आपको इस बारे में प्रतिस्पर्धी
कहानियां पेश करेगी कि आप कौन हैं और आपकी क्या कीमत है। अपने जीवन की
कहानी चुनना और अपनी कहानी खुद लिखना आपके हाथ में है। चुनौतियों के बावजूद
मैंने अपने साथियों, खासकर आईआईटी कानपुर की महिलाओं को अपना रास्ता बनाते
और बाधाओं के बावजूद सफल होते देखा है। इसलिए अपनी कहानी समझदारी से
चुनें। याद रखें कोई भी चीज कभी खत्म नहीं होती। हमेशा आगे बढ़ने का एक
रास्ता होता है।
आईआईटी के निदेशक प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने कहा
कि कॉलेज से स्नातक होना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो अपने आप में
सबसे मधुर क्षणों में से एक होते हैं। आप जो भी पेशा चुनें, आईआईटी कानपुर
की भावना जो आपने आत्मसात की है, वह आपकी अंतरात्मा और मार्गदर्शक प्रकाश
के रूप में काम करेगी। अपने तकनीकी ज्ञान का लाभ उठाकर और इसे नवाचार और
उद्यमिता के क्षेत्र में इस्तेमाल करके आप न केवल सामाजिक चुनौतियों का
समाधान कर सकते हैं, बल्कि रोजगार सृजन के माध्यम से आर्थिक विकास को भी
बढ़ावा दे सकते हैं।
इनको मिले पदक
कुंवर प्रीत सिंह
(कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग) को प्रतिष्ठित राष्ट्रपति स्वर्ण पदक से
सम्मानित किया गया, जबकि विप्लव पटेल (केमिकल इंजीनियरिंग-इलेक्ट्रिकल
इंजीनियरिंग) और सार्थक कोहली (कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग) को क्रमशः
5 वर्षीय और 4 वर्षीय स्नातक कार्यक्रमों में उत्कृष्ट सर्वांगीण उपलब्धि
और नेतृत्व के लिए निदेशक स्वर्ण पदक प्राप्त हुए। सर्वश्रेष्ठ सर्वांगीण
प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित डॉ. शंकर दयाल शर्मा पदक गरिमा बावा (भौतिकी)
को प्रदान किया गया और तेजस रामकृष्णन (कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग)
को प्रतिष्ठित रतन स्वरूप मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।