गांधीनगर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुजरात के तीन दिनों के
दौरे पर शुक्रवार को गांधीनगर पहुंचे थे, जहां उन्होंने शहर को 68 करोड़
रुपये के विभिन्न प्रोजेक्टों की सौगात दी। व्यस्त कार्यक्रम के बीच वे
अचानक अपने पूर्व शिक्षक जीवनभाई डाह्याभाई पटेल (माणसा में जे.डी सी पी.
पटेल के नाम से प्रसिद्ध) के घर पहुंच गए।
अमित शाह ने 89 वर्षीय
अपने गुरु के गायत्रीनगर स्थित घर जाकर उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया।
घर में प्रवेश करने से पहले उन्होंने अपने जूते भी बाहर उतार दिए। अपने
गुरु और उनके परिवार के साथ उन्होंने आधे घंटे से अधिक समय बिताया और
पुराने दिनों की यादें ताज़ा कीं।
जीवनभाई पटेल ने बताया कि अमित
शाह उनसे लगभग 20–21 साल बाद मिले। उन्होंने कहा कि अमित भाई ने बचपन के
दिनों की बातें याद दिलाई और माणसा में हुए विकास, खासकर मलाव तालाब देखने
का आग्रह किया।
जीवनभाई पटेल ने बताया कि उन्होंने अमित शाह को पहली
से सातवीं कक्षा तक पढ़ाया था। उन्होंने पुराने जमाने की शिक्षा पद्धति
याद करते हुए कहा- पहले के शिक्षक पैसों का मोह नहीं रखते थे, वे बच्चों को
होशियार बनाने के लिए पूरे मन से पढ़ाते थे।
अमित शाह की अचानक हुई
इस मुलाकात से शिक्षक की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। स्थानीय लोगों में
भी उत्साह का माहौल था। जाते समय अमित शाह ने आसपास के लोगों का अभिवादन भी
स्वीकार किया।
जीवनभाई के बेटे डॉ. नीलम पटेल ने बताया कि इतने
वर्षों बाद अमित शाह को पिताजी से मिलते देख पिताजी की आंखों से आंसू निकल
आए। अमित शाह ने पुराने स्कूल के समय की सख्ती और कैसे पिताजी सुबह-सुबह
उनकी परेड करवाते थे, वह सब याद किया।
अचानक हुए इस दौरे ने
गायत्रीनगर में खूब उत्साह पैदा किया। घर से निकलते समय अमित शाह ने लोगों
से बातचीत की, बच्चों को आशीर्वाद दिया और एक माता से कहा- इस बच्ची को
जरूर पढ़ाना।