भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज गुरुवार
को अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस के अवसर पर श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय
उद्यान में तीन चीतों को बड़े बाड़े से खुले जंगल में छोड़ेंगे। इनमें मादा
चीता 'वीरा' और उसके 10 माह के दो शावक शामिल हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री
डॉ. यादव कूनो राष्ट्रीय उद्यान के वर्ष 2026 का कैलेण्डर तथा 'फील्ड
मैन्युअल फॉर क्लीनिकल मैनेजमेंट ऑफ फ्री-रेंजिंग चीताज इन कूनो नेशनल
पार्क' का विमोचन करेंगे। मुख्यमंत्री कूनो राष्ट्रीय उद्यान में
नव-निर्मित सोवेनियर शॉप का लोकार्पण भी करेंगे।
निर्धारित
कार्यक्रम के अनुसार, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भोपाल से हैलीकॉप्टर
द्वारा रवाना होकर दोपहर 2.15 बजे ग्राम अहेरा जिला शिवपुरी पहुंचेंगे।
यहाँ से सड़क मार्ग द्वारा कूनो जाएंगे। कूनों में स्थानीय कार्यक्रम में
भाग लेने के बाद अहेरा हैलीपेड से हैलीकॉप्टर द्वारा रवाना होकर सायंकाल
5.05 बजे राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयर टर्मिनल ग्वालियर पहुंचेंगे।
मुख्यमंत्री यहां से थोड़ी देर बाद विमान द्वारा खजुराहो के लिये प्रस्थान
करेंगे।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर तीन
वर्ष पूर्व मध्य प्रदेश को चीता परियोजना की सौगात मिली थी। प्रधानमंत्री
मोदी ने 17 सितम्बर, 2022 को अपने जन्म-दिवस के अवसर पर दक्षिण अफ्रीकी देश
नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कूनो पालपुर में छोड़कर प्रोजेक्ट की
शुरूआत की थी। नामीबिया के बाद दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाकर कूनो
राष्ट्रीय उद्यान में बसाए गए थे। इस प्रकार कुल 20 चीतों को कूनो लाया गया
था। वर्तमान में कूनो पालपुर और गाँधी सागर अभयारण्य में चीतों की संख्या
बढ़कर 32 हो गई है। इनमें 30 चीते कुनों और दो चीते गांधी सागर अभयारण्य में
है।
जनसम्पर्क अधिकारी केके जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में प्रोजेक्ट चीता को
"इनोवेटिव इनिशिएटिव्स अवॉर्ड'' से सम्मानित किया गया है। चीतों ने भारतीय
वातावरण को आश्चर्यजनक रूप से पूरी तरह अपना लिया है। पिछले तीन वर्षों में
5 मादा चीता द्वारा 6 बार शावकों को जन्म दिया गया। यहां चीते न केवल
जीवित रहे, बल्कि चीतों ने सफलतापूर्वक अपना परिवार भी बढ़ाया है।
लायन
प्रोजेक्ट के क्षेत्र निदेशक उत्तम शर्मा ने बताया कि चीता परिवार की
सुरक्षा और प्राकृतिक परिवेश में सफल अनुकूलन सुनिश्चित करने के लिये उन्नत
रेडियो-ट्रेकिंग प्रणाली और समर्पित फील्ड टीमों के माध्यम से सतत निगरानी
की जायेगी। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम कूनो राष्ट्रीय उद्यान के
परोंड वन क्षेत्र में आयोजित होगा, जो निर्धारित पर्यटन जोन है। इस क्षेत्र
में चीता परिवार की मौजूदगी से ईको पर्यटन के नये अवसरों के साथ ही
प्रोजेक्ट चीता के प्रति जन-सहभागिता और रुचि में और अधिक वृद्धि होने की
अपेक्षा है।
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस का मुख्य
उद्देश्य चीतों की घटती आबादी, उनके आवास के नुकसान और शिकार जैसी समस्याओं
के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनके संरक्षण के लिये वैश्विक प्रयासों को
बढ़ावा देना है।