नई
दिल्ली,। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को उत्तर
प्रदेश में कानपुर स्थित एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड
(एडब्ल्यूईआईएल) की इकाई, फील्ड गन फैक्टरी का दौरा किया और महत्वपूर्ण
स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का जायजा लिया।
एक सरकार प्रवक्ता ने आज
यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि एडब्ल्यूईआईए को टैंक टी-90 और धनुष गन
सहित विभिन्न आर्टिलरी गन तथा टैंकों की बैरल और ब्रीच असेंबली के निर्माण
में विशेषज्ञता हासिल है। इस दौरान रक्षा मंत्री ने महत्वपूर्ण स्वदेशी
रक्षा क्षमताओं का जायजा लेने के लिए फैक्टरी के हीट ट्रीटमेंट और न्यू
असेंबली शॉप सहित प्रमुख सुविधाओं का निरीक्षण किया।
इस अवसर पर
रक्षा मंत्री के साथ सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार और रक्षा अनुसंधान
एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत भी थे।
शॉप फ्लोर के दौरे के बाद राजनाथ सिंह को कानपुर स्थित तीन रक्षा सार्वजनिक
क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) - एडब्ल्यूईआईएल, ट्रूप कम्फर्ट्स इंडिया
लिमिटेड, ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड के सीएमडी और कानपुर स्थित डीआरडीओ
प्रयोगशाला, रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के
निदेशक द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई।
प्रस्तुतियों के दौरान नए
डीपीएसयू के सीएमडी ने रक्षा मंत्री को उत्पाद प्रोफ़ाइल, चल रही बड़ी
परियोजनाओं, अनुसंधान एवं विकास प्रयासों और रक्षा सेवाओं की आवश्यकता को
पूरा करने के लिए उनके द्वारा किए जा रहे आधुनिकीकरण संबंधी गतिविधियों के
बारे में जानकारी दी। एडब्ल्यूईआईएल की छोटे, मध्यम और बड़े कैलिबर गन
प्रणालियों के निर्माण में विशेषज्ञता है। टीसीएल के मुख्य उत्पाद लड़ाकू
वर्दी, बैलिस्टिक सुरक्षात्मक गियर, अत्यधिक ठंड से बचाने वाले कपड़े और
अधिक ऊंचाई के लिए तम्बू हैं जबकि जीआईएल के पास भारत में पैराशूट की सबसे
बड़ी और सबसे पुरानी उत्पादन इकाई है।