विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा तैयार इस रोडमैप को
सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने जारी किया।
प्रो. सूद ने कहा कि यह रोडमैप सभी को साथ मिलकर जलवायु समाधानों पर काम
करना सिखाएगी और साथ ही भविष्य में निवेश करने का रास्ता भी दिखाएगा।
डीएसटी के सचिव प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि
सरकार पुरानी और नई दोनों तरह की प्रौद्योगिकी पर काम करेगी और इसके लिए एक
लाख करोड़ रुपये का बड़ा निवेश निजी कंपनियों को नवाचार के लिए प्रेरित
करेगा। इसका उद्देश्य प्रदूषण कम करने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी और
नवाचार को मजबूत करना है। इस दौरान एकेडेमिया, रिसर्चर, पॉलिसीमेकर,
सरकारी प्रतिनिधि, अलग-अलग देशों के दूतावासों के अंतरराष्ट्रीय पार्टनर और
एनर्जी, मैन्युफैक्चरिंग, स्टील, सीमेंट जैसे क्षेत्रों के इंडस्ट्री लीडर
मौजूद थे।
भारत ने नेट जीरो के लक्ष्य को लेकर सीसीयूएस प्रौद्योगिकी का रोडमैप किया जारी
नई
दिल्ली: भारत ने 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को 'नेट
ज़ीरो' करने के बड़े लक्ष्य को लेकर कार्बन कैप्चर, यूटिलाइजेशन और स्टोरेज
(सीसीयूएस) प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिए पहला अनुसंधान एवं विकास
रोडमैप जारी किया है।
सूद ने कहा, "इस कदम से देश का कार्बन प्रदूषण घटेगा, जिससे हवा और
पर्यावरण बेहतर होगा। दुनियाभर में भारत की छवि एक जिम्मेदार देश के रूप
में मजबूत होगी। यह विकसित भारत 2047 के सपने को पूरा करने की दिशा में एक
जरूरी कदम है।"
