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51वें खजुराहो नृत्य समारोह का आगाज आज, वृहद नृत्‍य मैराथन का बनेगा विश्व रिकॉर्ड





भोपाल। यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट खजुराहो के एक हजार वर्ष प्राचीन मंदिरों की दिव्य आभा में आज 51वें अंतरराष्ट्रीय खजुराहो नृत्य समारोह का आगाज होगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव की उपस्थिति में सायं 6:30 बजे समारोह का शुभारंभ होगा। इस अवसर पर मध्य प्रदेश राज्य रूपंकर कला पुरस्कार अलंकरण समारोह भी आयोजित किया जाएगा। समारोह में नृत्‍य प्रस्‍तुति प्रतिदि‍न सायं 6:30 बजे से प्रारम्‍भ होंगी। मध्य प्रदेश शासन, संस्कृति विभाग के लिए उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी द्वारा भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण, मप्र पर्यटन एवं जिला प्रशासन के सहयोग से 26 फरवरी तक खजुराहो स्थित कंदरिया महादेव मंदिर एवं देवी जगदंबा मंदिर के मध्य मंदिर प्रांगण में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय नृत्य समागम में इस वर्ष कई नए आयाम और अनुषांगिक गतिविधियां जोड़ी गई हैं। विशेष रूप से सभी प्रमुख भारतीय शास्‍त्रीय नृत्‍यों यथा कथक, भरतनाट्यम, कुचीपुड़ी, ओडिसी आदि के साथ सबसे लम्‍बा वृहद शास्‍त्रीय नृत्‍य मैराथन (रिले) प्रस्‍तुति की जा रही है, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकार्ड में दर्ज किया जाएगा।संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि 51वां खजुराहो नृत्‍य समारोह के दौरान सबसे लंबे वृहद शास्‍त्रीय नृत्‍य मैराथन (रिले) प्रस्तुति में निरन्‍तर 24 घंटे से भी अधिक नृत्‍य प्रस्‍तुतियां होंगी। इसका नृत्‍य निर्देशन/संयोजन कथक नृत्‍यांगना तथा फिल्‍म अभिनेत्री प्राची शाह, मुम्‍बई एवं संगीत निर्देशन/संयोजन कौशिक बसु, मुम्‍बई द्वारा किया जा रहा है। छतरपुर कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने बताया कि खजुराहो नृत्य समारोह में देश, प्रदेश के विभिन्न जगहों से प्रसिद्ध कलाकार शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत करेंगे। इसमें अधिक से अधिक नवाचार करने का प्रयास किया गया है। जिसमें बाल नृत्य महोत्सव प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। साथ ही स्थानीय कलाकारों को भी उचित मंच दिया जाएगा। उन्होंने सभी से कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है। 51वें खजुराहो नृत्य समारोह में इस वर्ष एक नई अनुषांगिक गतिविधि 'प्रणाम' को जोड़ा गया है। इस गतिविधि के अंतर्गत सुविख्यात नृत्यांगना और पद्मविभूषण डॉ. पद्मा सुब्रह्मण्यम के जीवन और कला अवदान को अभिव्यक्त करते आयोजन होंगे, जिनमें डॉ. पद्मा सुब्रह्मण्यम के जीवन और कला अवदान पर एकाग्र प्रदर्शनी, व्याख्यान एवं संवाद सह प्रदर्शन भी शामिल होंगे। व्याख्यान एवं संवाद के लिए डॉ. जयश्री राजगोपालन, अनुराधा विक्रांत, महती कन्नन, अरविंथ कुमारस्वामी, पियाल भट्टाचार्य, डॉ. राजश्री वासुदेवन, अर्जुन भारद्वाज एवं डॉ. सच्चिदानंद जोशी पधारेंगे। इसके अलावा प्रदर्शनी में डॉ. पद्मा सुब्रह्मण्यम की कला यात्रा को दर्शाया जाएगा, जिसमें उनकी प्रस्तुति के फोटो, किताबें, उनके द्वारा डिजाइन नृत्य परिधान एवं उन्हें प्राप्त अवार्ड शामिल होंगे। द्म पुरस्कार प्राप्त और एसएनए अवॉर्डी कलाकार देंगे नृत्य प्रस्तुति

खजुराहो नृत्य समारोह में प्रारंभ से ही नृत्य जगत के सुप्रसिद्ध कलाकारों ने प्रस्तुतियां दी हैं। इस वर्ष भी यह परम्परा जारी रखते हुए पद्म पुरस्कार एवं संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड प्राप्त नृत्य कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। इन नामों में कुचिपुड़ी की सुप्रसिद्ध नृत्यांगना पद्मभूषण विदुषी राधाकृराजा रेड्डी, मणिपुरी नृत्य कलाकार पद्मश्री दर्शना झवेरी, छाऊ नृत्य कलाकार पद्मश्री शशधर आचार्य, ओडिसी नृत्य कलाकार प्रवत कुमार स्वाइन, मोहिनीअट्टम नृत्य कलाकार पद्मश्री विदुषी भारती शिवाजी, कथक नृत्य कलाकार पद्मश्री विदुषी शोभना नारायण, सत्रीय नृत्य कलाकार पद्मश्री गुरु जतिन गोस्वामी शामिल हैं। वहीं एसएनए अवॉर्डी में मोहिनीअट्टम नृत्य कलाकार पल्लवी कृष्णनन, भरतनाट्यम नृत्य कलाकार डॉ.संध्या पुरेचा, कुचिपुड़ी नृत्य कलाकार दीपिका रेड्डी, कथकली नृत्य कलाकार सदानम के.हरिकुमार, कथक नृत्य कलाकार अदिति मंगलदास, मणिपुरी नृत्य कलाकार गुरु कलावती देवीकृबिम्बावती देवी का नाम शामिल है। साथ ही फिल्म अभिनेत्री और भरतनाट्यम की सुप्रसिद्ध नृत्यांगना मीनाक्षी शेषाद्रि की एकल नृत्य प्रस्तुति भी होगी।नाद: भारतीय लोक एवं शास्त्रीय संगीत में उपयोगी वाद्यों की प्रदर्शनी

भारतीय लोक एवं नृत्य-संगीत में विभिन्न प्रकार के वाद्यों का प्रयोग किया जाता है, जिनकी बनावट, ध्वनि इत्यादि लोगों को आकर्षित करती है। संगीतप्रेमी वाद्ययंत्रों के बारे में जान सकें, उन्हें देख सकें, इसी उद्देश्य के साथ खजुराहो नृत्य समारोह में इस वर्ष संस्कृति विभाग द्वारा संकलित 600 से अधिक वाद्ययंत्रों की प्रदर्शनी नाद भी लगाई जाएगी। इसमें भारतीय लोक, जनजातीय एवं शास्त्रीय संगीत में उपयोग किए जाने वाले वाद्ययंत्र सम्मिलित होंगे। कई वाद्ययंत्र दुर्लभ भी होंगे।51वें खजुराहो नृत्य समारोह में देहगति, भाव, मुद्राओं का सौंदर्य और भव्यता सिर्फ मंच पर ही नहीं, बल्कि कैनवास पर भी प्रदर्शित होगी। देश के ख्यातिलब्ध 10 चित्रकार खजुराहो नृत्य समारोह के मंच पर होने वाली नृत्य प्रस्तुतियों को रंग और कूची की सहायता से कैनवास पर सजीव चित्रण करेंगे। इन चित्रकारों में पद्मश्री शान्ति देवी, राजेश श्याम, एल. रजनीकांत सिंह, कुडलयया महंतयया हीरेमठ, किशन सोनी, डॉ सुनील विश्वकर्मा, महेश कुमार कुमावत, श्याम पुंडलिक कुमावत, रघुवीर, सुभाष पवार शामिल हैं। खजुराहो नृत्य समारोह को भव्यता और विविधता देने के उद्देश्य से सृजन, हुनर और स्वाद गतिविधियों का आयोजन भी किया जायेगा। सृजन गतिविधि में पारंपरिक शिल्प निर्माण तकनीक का प्रदर्शन होगा, जिसमें मिट्टी, पत्ता, बांस, गोबर, लाख, गोदना इत्यादि के उपयोग से कई तरह के शिल्पों का सृजन होता दिखेगा। वहीं, हुनर गतिविधि में पारंपरिक शिल्पों का प्रदर्शन और विक्रय भी होगा। स्वाद गतिविधि में विभिन्न प्रकार के देशज व्यंजनों का आनंद सुधिजन ले सकेंगे।लावार्ता: कलाविदों एवं कलाकारों के मध्य संवाद

खजुराहो नृत्य समारोह में पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष लोकप्रिय संवाद सत्र कलावार्ता आयोजित किया जाएगा। इस सत्र के विषय खजुराहो के मंदिरों पर केंद्रित होंगे। इस वर्ष मंदिरों के एक हजार वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। इनमें मंदिरों की स्थापत्य कला, संगीत-नृत्य और खजुराहो के मंदिरों का सम्बन्ध प्रमुख होंगे। इन विषयों पर एकाग्र संवाद के लिए कथक नृत्यांगना रजनी राव, दिल्ली और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के पुरातत्वविद डॉ. शिवकांत बाजपेयी, डॉ. ओपी मिश्रा, डॉ. नारायण व्यास, डॉ. रमेश यादव एवं प्रो. शिवकांत द्विवेदी पधारेंगे।