नई
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कहा कि
भारत और रूस अपने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए
संकल्पबद्ध हैं। राष्ट्रपति पुतिन के साथ वार्ता की शुरुआत में मोदी ने
कहा कि दोनों देश अपने आर्थिक संबंधों और मजबूत बनायेंगे तथा वे संबंधों को
लेकर बहुत आशांवित हैं।
भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए संकल्पबद्ध : मोदी
वार्ता से पहले राष्ट्रपति पुतिन राजघाट गए जहां उन्होंने
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। राष्ट्रपति पुतिन
ने अपने संदेश में लिखा कि महात्मा गांधी का दुनिया में शांति के लिए
योगदान भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने बहुध्रुवीय विश्व की कल्पना की थी जो
अब आकार ले रहा है।
लियो टॉल्स्टॉय को लिखे अपने पत्रों में उन्होंने एक
ऐसी दुनिया के भविष्य के बारे में विस्तार से सोचा जो तानाशाही और दबदबे से
मुक्त हो और जो देशों के बीच समानता, आपसी सम्मान और सहयोग के सिद्धांतों
पर आधारित हो। ये वही सिद्धांत और मूल्य हैं, जिन्हें रूस और भारत आज
अंतरराष्ट्रीय मंच पर मिलकर बनाए रखते हैं। रूसी राष्ट्रपति का आज नई
दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने औपचारिक स्वागत किया।
राष्ट्रपति
पुतिन कल नई दिल्ली पहुंचे थे, जहां प्रधानमंत्री ने उनका एयरपोर्ट में
स्वागत किया था। इसके बाद एक साक्षात्कार में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
ने कहा कि भारत और रूस के बीच सहयोग न सिर्फ द्विपक्षीय संबंध मजबूत करता
है, बल्कि वैश्विक स्थिरता की नींव भी तैयार करता है। उन्होंने कहा कि
राजनीतिक परिवर्तनों या यूक्रेन संकट जैसे हालात का भारत-रूस ऊर्जा सहयोग
पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है।
तेल व्यापार और रिफाइनिंग सुचारु
रूप से जारी है, और रूसी कंपनियां भारतीय भागीदारों को भरोसेमंद मानती हैं।
पुतिन ने यह भी उल्लेख किया कि जब अमेरिका रूस से परमाणु ईंधन खरीद सकता
है, तो भारत को इस अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए और इस पर
राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत की जा सकती है।
