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उज्जैन में आज द्वितीय वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन सम्मेलन का आयोजन


उज्जैन, । मध्य प्रदेश में महाकाल की पवित्र नगरी उज्जैन में आज (बुधवार को) द्वितीय वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन सम्मेलन “रूहmantic” (ग्लोबल स्पिरिचुअल कॉन्क्लेव) का आयोजन होने जा रहा है। केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इंदौर रोड स्थित अंजुश्री होटल में आयोजित इस सम्मलेन का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर आध्यात्मिक पर्यटन पर पीएचडीसीसीआई-केपीएमजी की रिपोर्ट "आस्था और प्रवाह: भारत के पवित्र स्थलों में जनसमहू का मार्गदर्शन" का विमोचन किया जाएगा। आध्यात्मिक गुरु गौरांग दास प्रभु सम्मेलन के मुख्य वक्ता होंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन में होने वाला ग्लोबल स्पिरिचुअल कॉन्क्लेव एक ऐसा मंच होगा, जहां हम अपनी समृद्ध संस्कृति और आध्यात्मिक परंपराओं को दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकेंगे। साथ ही उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ-2028 की तैयारियों, कॉर्पोरेट समूहों और मंदिर ट्रस्ट समूहों तक सीधी पहुँच बनेगी। इस कॉन्क्लेव का केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत शुभारंभ करेंगे। इसमें देश-विदेश के कई आध्यात्मिक गुरू, विचारक सहित 300 से अधिक महानुभाव शामिल होंगे।

जनसम्पर्क अधिकारी अवनीश सोमकुंवर ने बताया कि यह सम्मेलन पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) द्वारा पर्यटन मंत्रालय और मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। पर्यटन मंत्रालय के अपर सचिव एवं महानिदेशक सुमन बिल्ला और मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग के के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला सहित वरिष्ठ अधिकारी सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

कार्यक्रम में आध्यात्मिक पर्यटन पर पीएचडीसीसीआई-केपीएमजी की रिपोर्ट “आस्था और प्रवाह: भारत के पवित्र स्थलों में जनसमहू का मार्गदर्शन” का विमोचन भी किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित सरकार-उद्योग गोलमेज सम्मेलन, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, जिम्मेदार आतिथ्य और आध्यात्मिक पर्यटन में सांस्कृतिक संवर्धन पर बातचीत के लिए एक मंच प्रदान करेगा।

सम्मेलन में विभिन्न विषयों पर विचार विमर्श और सत्र का आयोजन किया जाएगा। इसमें मंदिर अर्थव्यवस्थाएं: जहां आस्था आजीविका से मिलती है- यह जांच करना कि मंदिर सर्किट स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को कैसे बनाए रखते हैं, महाकाल का मंडल: उज्जैन की आध्यात्मिक शक्ति और शहरी भविष्य- विरासत और आधुनिकीकरण की खोज, मन, शरीर और आत्मा: नई आध्यात्मिक सीमा के रूप में कल्याण - योग, आयुर्वेद और कल्याण का एकीकरण, डिजिटल में दिव्य - आध्यात्मिकता 2.0 - आध्यात्मिक पहुंच पर एआई, वीआर और एप्स का प्रभाव, पवित्र धुरी के संरक्षक - ज्योतिर्लिंग सर्किट - 12 ज्योतिर्लिंगों के सांस्कृतिक महत्व का पता लगाना, प्रतिनिधिगण श्री महाकालेश्वर और काल भैरव मंदिर भी जाएंगे तथा उज्जैन की आध्यात्मिक विरासत का अनुभव करेंगे, पर चर्चा और विचार विमर्श किया जाएगा।