फतेहाबाद। कारगिल युद्ध में अपने अदम्य साहस व शौर्य से दुश्मनों
को धूल चटाने वाले परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की
पुण्यतिथि पर मनोहर मैमोरियल स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इतिहास एवं
राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा सोमवार को श्रद्धांजली समारोह का आयोजन कर
कैप्टन विक्रम बत्रा व कारगिल के वीर शहीदों को नमन किया गया। कार्यक्रम
में मुख्यअतिथि के तौर पर कॉलेज प्राचार्य डॉ. गुरचरण दास ने भाग लिया वहीं
कार्यक्रम का संचालन इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेन्द्रपाल सिद्धू ने
किया। इस अवसर पर कॉलेज स्टाफ सदस्यों व विद्यार्थियों ने वीर शहीदों को
याद किया तथा मनोहर स्मृति पर भी पुष्प अर्पित किए गए।
प्राचार्य
डॉ. गुरचरण दास ने कारगिल शहीदों को याद करते हुए कहा कि आज हम लोग शहीदों
के बलिदान के कारण ही सुरक्षित है। कारगिल युद्ध में भारतीय फौज के पराक्रम
को पूरी दुनिया ने देखा। कैप्टन विक्रम बत्रा की शहादत को याद करते हुए
कहा कि 1999 में कारगिल युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा ने श्रीनगर-लेह
मार्ग के ठीक ऊपर महत्वपूर्ण 5140 प्वांइट को पाक सेना से मुक्त कराया।
बेहद दुर्गम क्षेत्र होने के बाद भी कैप्टन बत्रा ने 20 जून 1999 को सुबह
तीन बजकर 30 मिनट पर इस चोटी को कब्जे में लिया।
कैप्टन बत्रा ने
जब रेडियो पर कहा कि यह दिल मांगे मोर तो पूरे देश में उनका नाम छा गया।
इसके बाद 4875 पॉइंट पर कब्जे का मिशन शुरू हुआ। तब आमने-सामने की लड़ाई
में पांच दुश्मन सैनिकों को मार गिराया। गंभीर जख्मी होने के बाद भी
उन्होंने दुश्मन की ओर ग्रेनेड फैंके। इस ऑपरेशन में विक्रम बत्रा शहीद हो
गए, लेकिन भारतीय सेना को मुश्किल हालातों में जीत दिलाई। इस अवसर पर प्रो.
ममता स्वामी, डॉ. नीरज देवी, प्रो. वीरेन्द्र सिंह, डॉ. विकेश सेठी, प्रो.
गुरप्रीत सिंह, प्रो. नरेन्द्र सिंह, प्रो. नितिन सचदेवा, प्रो. मुकेश
कुमार, डॉ. रामगोपाल काजल, प्रो. मनप्रीत, प्रो. सुशील सहित अनेक स्टाफ
सदस्य मौजूद रहे।
कारगिल युद्ध में दुश्मनों को धूल चटाने वाले शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा को दी गई श्रद्धांजली
